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लखनऊ: भ्रष्टाचार के आरोप में जिला जेल के फार्मासिस्ट और जेल वार्डन निलंबित

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Published : Oct 7, 2020, 4:27 AM IST

राजधानी लखनऊ में जिला जेल के 2 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है. डीजी जेल ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं. अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के आरोप में की गयी है.

जिला जेल लखनऊ.
जिला जेल लखनऊ.

लखनऊ: भ्रष्टाचार में लिप्त जिला जेल के 2 कर्मचारियों को डीजी जेल आनंद कुमार ने कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है. लखनऊ जेल के फार्मासिस्ट शैलेंद्र कुमार और जेल वार्डन सुशील कुमार मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबन के आदेश जारी किए गये हैं. डीजी जेल ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं. अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार में संलिप्तता के तहत की गई है.

पैसों के लालच में आरोपियों को दी जाती थी बेहतर सुविधाएं
जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी फार्मासिस्ट शैलेंद्र कुमार और जेल वार्डन सुशील कुमार मिश्रा द्वारा बंदियों को गलत तरह से चिकित्सा के नाम पर जेल से बाहर ले जाने की घटना के उजागर होने के बाद यह कार्रवाई की गई है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह बात निकल कर सामने आई थी कि दोनों कर्मचारी गलत सूचनाएं देकर बंदियों को जेल के बाहर ले जाते थे. जिसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बंदियों को बीमार दिखाते थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के नाम पर अस्पतालों में ले जाया जाता था. इस दौरान पैसों के लालच में दोनों आरोपी जेल के बाहर बंदियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराते थे, जो जेल के नियमों के विरुद्ध है. जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि निलंबन के बाद अब इस मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद दोनों आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

लखनऊ: भ्रष्टाचार में लिप्त जिला जेल के 2 कर्मचारियों को डीजी जेल आनंद कुमार ने कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है. लखनऊ जेल के फार्मासिस्ट शैलेंद्र कुमार और जेल वार्डन सुशील कुमार मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए निलंबन के आदेश जारी किए गये हैं. डीजी जेल ने अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए हैं. अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार में संलिप्तता के तहत की गई है.

पैसों के लालच में आरोपियों को दी जाती थी बेहतर सुविधाएं
जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी फार्मासिस्ट शैलेंद्र कुमार और जेल वार्डन सुशील कुमार मिश्रा द्वारा बंदियों को गलत तरह से चिकित्सा के नाम पर जेल से बाहर ले जाने की घटना के उजागर होने के बाद यह कार्रवाई की गई है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह बात निकल कर सामने आई थी कि दोनों कर्मचारी गलत सूचनाएं देकर बंदियों को जेल के बाहर ले जाते थे. जिसके बाद मामले को संज्ञान में लेते हुए दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बंदियों को बीमार दिखाते थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के नाम पर अस्पतालों में ले जाया जाता था. इस दौरान पैसों के लालच में दोनों आरोपी जेल के बाहर बंदियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराते थे, जो जेल के नियमों के विरुद्ध है. जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि निलंबन के बाद अब इस मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद दोनों आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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