लखनऊ : मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के हुलासखेड़ा में पुरातात्विक उत्खनन स्थल और चारों तरफ सैकड़ों बीघे में फैली करेला झील को विकसित कर पर्यटन के नक्शे पर उतारने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके लिए सीडीओ रिया केजरीवाल ने डीएफओ और संस्कृति विभाग के अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर इसका खाका खींचा. उन्होंने एसडीएम को करेला झील की पैमाइश तुरंत शुरू कराने के निर्देश दिए.
मोहनलालगंज की ग्राम पंचायत हुलासखेड़ा में टीले पर मौजूद उत्खनन स्थल और चारों ओर सैकड़ों बीघे में फैली करेला झील का सीडीओ रिया केजरीवाल ने डीएफओ रवि कुमार सिंह और डीसी मनरेगा सुखराज बन्धु के साथ निरीक्षण किया. इस दौरान संस्कृति विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. सीडीओ को झील में कुछ जगह खेती तो कुछ स्थान पर निर्माण नजर आए. जिस पर उन्होंने एसडीएम को फोन कर आज से करेला झील की निशानदेही शुरू कराने के निर्देश दिए. सीडीओ ने हुलासखेड़ा गांव से उत्खनन स्थल को जोड़ने वाले गलियारे पर सुविधाजनक आवागमन के लिए सड़क बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने टीले पर कलेश्वरी मंदिर के सामने खाली पड़ी भूमि पर मनरेगा पार्क विकसित करने के निर्देश दिए, इसके साथ ही सीडीओ रिया केजरीवाल ने वन विभाग, संस्कृति विभाग, ग्राम्य विकास विभाग और सिंचाई विभाग की ओर से उत्खनन स्थल और करेला झील को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए संयुक्त प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. सीडीओ ने झील की खुदाई कर गहरा करने और बोटिंग व प्रवासी पक्षियों के लिए अनुकूल परिस्थितियां विकसित करने के निर्देश दिए.
मोहनलालगंज उप जिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्या ने बताया कि सीडीओ ने करेला झील का निरीक्षण किया है. सैकड़ों बीघे में फैली करेला झील को पर्यटन स्थल बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए करेला झील के आसपास कुछ अवैध अतिक्रमण है, उसको खाली कराने के लिए एक टीम बनाने के लिए तहसीलदार को निर्देश दिया गया है. शनिवार को पैमाइश कर अवैध अतिक्रमण हटवाए जाएंगे. करेला झील की सफाई और खुदाई भी कराई जाएगी.
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