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Lucknow University : वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए शुरू होगा डिस्टेंस लर्निंग कोर्स, यह है तैयारी - लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन

लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही डिस्टेंस लर्निंग मोड में कोर्स शुरू करने जा रहा (Lucknow University) है. इसके लिए विवि को यूजीसी में मंजूरी मिलने का इंतजार है.

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Published : Mar 24, 2023, 8:07 AM IST

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही डिस्टेंस लर्निंग मोड में कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को मंजूरी प्रदान करने के लिए सभी प्रक्रियाओं को लगभग पूरा कर लिया है. विश्वविद्यालय बस यूजीसी से मंजूरी का इंतजार कर रहा है. जैसे ही वहां से मंजूरी मिलेगी विश्वविद्यालय डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू कर देगा. विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू होने से विश्वविद्यालय के आय में बढ़ोतरी होगी और हर साल जो घाटे का बजट विश्वविद्यालय प्रस्तुत करता है उससे उबारा जा सकेगा. ज्ञात हो कि इस साल विश्वविद्यालय प्रशासन ने 132 करोड़ के घाटे का बजट पेश किया है, जो बीते कई वर्षों की तुलना में लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय अपने आर्थिक विषमताओं को दूर करने के लिए कुछ नये प्रयोग करने में जुटा हुआ है, जिससे उसकी आय में बढ़ोतरी हो और वह घाटे को कम कर सके.


ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय को बीते साल राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यांकन परिषद (नैक) के निरीक्षण में 'ए प्लस प्लस' की ग्रेडिंग हासिल हुई थी. यूजीसी के मानक के अनुसार दो विश्वविद्यालय नैक से ए प्लस प्लस रैंकिंग हासिल करते हैं. वह यूजीसी की ओर से मिलने वाले कई लाभ का फायदा उठा सकते हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इसी का फायदा उठाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय ने दूरस्थ और ऑनलाइन पढ़ाई के क्षेत्र में भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं. परिसर में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए यूजीसी के पास आवेदन करने बाद इसकी फीस भी जमा कर दी है.

डिस्टेंस लर्निंग मोड में विश्वविद्यालय साल 2006 के बाद दोबारा हाथ आजमाने जा रहा है. इससे पहले विश्वविद्यालय ने जब डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू किया था, तब उसे खास सफलता नहीं मिली थी. अब एक बार फिर से विश्वविद्यालय प्रशासन इस मोड में कोर्स की शुरुआत कर रहा है. कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि विश्वविद्यालय सबसे पहले बीबीए और बीकॉम पाठ्यक्रमों से दूरस्थ शिक्षा प्रणाली की शुरुआत होगी. इसके बाद अन्य पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाता है.

विवि में इस समय सबसे ज्यादा मांग बीकॉम, एलएलबी और बीबीए जैसे पाठ्यक्रमों की है. इनमें सीमित सीटें होने की वजह से हर साल काफी विद्यार्थी दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं. इसको देखते हुए लविवि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है. दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के पाठ्यक्रम संचालित करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कम फीस ही में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा. इससे विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी. दूसरी ओर विवि को उनकी नियमित कक्षाएं नहीं संचालित करनी होंगी. इससे उसका खर्च भी कम आएगा. साथ ही विश्वविद्यालय को आर्थिक लाभ भी होगा. कुलपति आलोक कुमार राय ने बताया कि 'विश्वविद्यालय पहले नैक से ए प्लस प्लस रैंकिंग मिलने वाले कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से मदद करता था, लेकिन अब वह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. इसके स्थान पर विश्वविद्यालयों को इस तरह के कोर्स शुरू करने की अनुमति यूजीसी की ओर से दी जाती है, ताकि वह अपने आर्थिक विषमताओं को दूर कर सके, जिसका फायदा लखनऊ विश्वविद्यालय उठाने जा रहा है.'

यह भी पढ़ें : Lucknow News : शादी का झांसा देकर दो साल तक लूटता रहा महिला डॉक्टर की अस्मत, सोशल मीडिया पर पर्सनल फोटो कर दी पोस्ट

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लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही डिस्टेंस लर्निंग मोड में कोर्स शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को मंजूरी प्रदान करने के लिए सभी प्रक्रियाओं को लगभग पूरा कर लिया है. विश्वविद्यालय बस यूजीसी से मंजूरी का इंतजार कर रहा है. जैसे ही वहां से मंजूरी मिलेगी विश्वविद्यालय डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू कर देगा. विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू होने से विश्वविद्यालय के आय में बढ़ोतरी होगी और हर साल जो घाटे का बजट विश्वविद्यालय प्रस्तुत करता है उससे उबारा जा सकेगा. ज्ञात हो कि इस साल विश्वविद्यालय प्रशासन ने 132 करोड़ के घाटे का बजट पेश किया है, जो बीते कई वर्षों की तुलना में लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में विश्वविद्यालय अपने आर्थिक विषमताओं को दूर करने के लिए कुछ नये प्रयोग करने में जुटा हुआ है, जिससे उसकी आय में बढ़ोतरी हो और वह घाटे को कम कर सके.


ज्ञात हो कि लखनऊ विश्वविद्यालय को बीते साल राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यांकन परिषद (नैक) के निरीक्षण में 'ए प्लस प्लस' की ग्रेडिंग हासिल हुई थी. यूजीसी के मानक के अनुसार दो विश्वविद्यालय नैक से ए प्लस प्लस रैंकिंग हासिल करते हैं. वह यूजीसी की ओर से मिलने वाले कई लाभ का फायदा उठा सकते हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इसी का फायदा उठाते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय ने दूरस्थ और ऑनलाइन पढ़ाई के क्षेत्र में भी अपने कदम बढ़ा दिए हैं. परिसर में ऑनलाइन और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए यूजीसी के पास आवेदन करने बाद इसकी फीस भी जमा कर दी है.

डिस्टेंस लर्निंग मोड में विश्वविद्यालय साल 2006 के बाद दोबारा हाथ आजमाने जा रहा है. इससे पहले विश्वविद्यालय ने जब डिस्टेंस लर्निंग कोर्स शुरू किया था, तब उसे खास सफलता नहीं मिली थी. अब एक बार फिर से विश्वविद्यालय प्रशासन इस मोड में कोर्स की शुरुआत कर रहा है. कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि विश्वविद्यालय सबसे पहले बीबीए और बीकॉम पाठ्यक्रमों से दूरस्थ शिक्षा प्रणाली की शुरुआत होगी. इसके बाद अन्य पाठ्यक्रमों को शामिल किया जाता है.

विवि में इस समय सबसे ज्यादा मांग बीकॉम, एलएलबी और बीबीए जैसे पाठ्यक्रमों की है. इनमें सीमित सीटें होने की वजह से हर साल काफी विद्यार्थी दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं. इसको देखते हुए लविवि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली पर आधारित पाठ्यक्रम संचालित करने जा रहा है. दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के पाठ्यक्रम संचालित करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कम फीस ही में पढ़ाई का मौका मिल जाएगा. इससे विद्यार्थियों को काफी राहत मिलेगी. दूसरी ओर विवि को उनकी नियमित कक्षाएं नहीं संचालित करनी होंगी. इससे उसका खर्च भी कम आएगा. साथ ही विश्वविद्यालय को आर्थिक लाभ भी होगा. कुलपति आलोक कुमार राय ने बताया कि 'विश्वविद्यालय पहले नैक से ए प्लस प्लस रैंकिंग मिलने वाले कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को आर्थिक रूप से मदद करता था, लेकिन अब वह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है. इसके स्थान पर विश्वविद्यालयों को इस तरह के कोर्स शुरू करने की अनुमति यूजीसी की ओर से दी जाती है, ताकि वह अपने आर्थिक विषमताओं को दूर कर सके, जिसका फायदा लखनऊ विश्वविद्यालय उठाने जा रहा है.'

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