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शिक्षक संघ का दावाः 400 शिक्षामित्र, अनुदेशकों और रसोइयों की कोरोना संक्रमण से मौत

उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने दावा किया है कि चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए तमाम शिक्षामित्र, अनुदेशकों और रसोइयों की मौत हो गई है. इन सभी को मुआवजा देने की मांग की है.

लखनऊः
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Published : May 18, 2021, 4:17 PM IST

लखनऊः कोरोना संक्रमण के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे 400 शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों ने अपनी जान गंवाई है. यह दावा उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने किया है. संघ का दावा है कि करीब 200 शिक्षामित्रों, 100 अनुदेशकों और 100 रसोइयों की संक्रमण से जान गई है, जिसमें कई तो 20-20 साल से नौकरी कर रहे थे. इसमें ज्यादातर चुनाव ड्यूटी के दौरान ही संक्रमित हुए और बाद में मृत्यु हो गई.

सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ का दावा है कि इतने लोगों की मौत हो गई लेकिन इनके लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि इनमें से कई शिक्षामित्र लंबे समय से स्कूलों में कार्य कर रहे थे. हालत यह है कि उनके आकस्मिक निधन के चलते परिवार सड़क पर आ गए हैं. प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षामित्रों की सेवाएं संविदा पर होने के कारण परिवार के सदस्यों को न तो कोई पेंशन मिलेगी न ही मृतक आश्रित कोटे में नौकरी या कोई आर्थिक मदद. इनके परिवारों के पास खाने तक के लिए नहीं है. संगठन की तरफ से इन सभी के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाए जाने की मांग की गई है.

यह हैं हालात
- प्राथमिक विद्यालय बरईपुर सैदाबाद में तैनात शिक्षामित्र कृष्ण मुरारी का निधन एक मई को हो गया. साथियों के अनुसार कोरोना के लक्षण थे लेकिन जांच नहीं कराई थी. वह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. इनका पहले सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था लेकिन समायोजन निरस्त होने पर पुन: शिक्षामित्र हो गए थे. इनकी मृत्यु के बाद पत्नी, पांच पुत्र व एक पुत्री असहाय हो गए हैं. आय का स्रोत नहीं रह गया है.

- उच्च प्राथमिक विद्यालय संविलियन सिंधौरा प्रतापपुर में कार्यरत शिक्षामित्र नीतू सिंह (39) का निधन कोरोना से 13 मई को हो गया. घर-घर में कोरोना चेकिंग के दौरान वह संक्रमित हो गई थीं. पति जैनेन्द्र सिंह खेती करते हैं और एक बेटा इंटर में पढ़ रहा है.

- सोरांव ब्लॉक की शिक्षामित्र ज्योति यादव का निधन संदिग्ध रूप से कोरोना संक्रमण से 3 मई को हो गया. ज्योति के पति बेरोजगार हैं तथा इनका एक 9 वर्ष का पुत्र है. बुजुर्ग सास-ससुर की जिम्मेदारी भी ज्योति के ऊपर थी.

आजमगढ़ में सबसे अधिक मौतें
- प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों व कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. इन सभी लोगों ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी की थी.

इसे भी पढ़ेंः कोरोना महामारी: 2 लाख से ज्यादा नए केस, 4,329 मौत


- इस सूची के अनुसार सबसे अधिक आजमगढ़ जिले में 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. गोरखपुर में 50, लखीमपुर में 47, रायबरेली में 53, जौनपुर में 43, इलाहाबाद में 46, लखनऊ में 35, सीतापुर में 39, उन्नाव में 34, गाजीपुर में 36, बाराबंकी में 34 शिक्षक, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों-कर्मचारियों रसोइयों की मौत हुई है.

लखनऊः कोरोना संक्रमण के कारण बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ा रहे 400 शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों ने अपनी जान गंवाई है. यह दावा उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ ने किया है. संघ का दावा है कि करीब 200 शिक्षामित्रों, 100 अनुदेशकों और 100 रसोइयों की संक्रमण से जान गई है, जिसमें कई तो 20-20 साल से नौकरी कर रहे थे. इसमें ज्यादातर चुनाव ड्यूटी के दौरान ही संक्रमित हुए और बाद में मृत्यु हो गई.

सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं
उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ का दावा है कि इतने लोगों की मौत हो गई लेकिन इनके लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि इनमें से कई शिक्षामित्र लंबे समय से स्कूलों में कार्य कर रहे थे. हालत यह है कि उनके आकस्मिक निधन के चलते परिवार सड़क पर आ गए हैं. प्राथमिक स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षामित्रों की सेवाएं संविदा पर होने के कारण परिवार के सदस्यों को न तो कोई पेंशन मिलेगी न ही मृतक आश्रित कोटे में नौकरी या कोई आर्थिक मदद. इनके परिवारों के पास खाने तक के लिए नहीं है. संगठन की तरफ से इन सभी के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाए जाने की मांग की गई है.

यह हैं हालात
- प्राथमिक विद्यालय बरईपुर सैदाबाद में तैनात शिक्षामित्र कृष्ण मुरारी का निधन एक मई को हो गया. साथियों के अनुसार कोरोना के लक्षण थे लेकिन जांच नहीं कराई थी. वह अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. इनका पहले सहायक अध्यापक पद पर समायोजन हुआ था लेकिन समायोजन निरस्त होने पर पुन: शिक्षामित्र हो गए थे. इनकी मृत्यु के बाद पत्नी, पांच पुत्र व एक पुत्री असहाय हो गए हैं. आय का स्रोत नहीं रह गया है.

- उच्च प्राथमिक विद्यालय संविलियन सिंधौरा प्रतापपुर में कार्यरत शिक्षामित्र नीतू सिंह (39) का निधन कोरोना से 13 मई को हो गया. घर-घर में कोरोना चेकिंग के दौरान वह संक्रमित हो गई थीं. पति जैनेन्द्र सिंह खेती करते हैं और एक बेटा इंटर में पढ़ रहा है.

- सोरांव ब्लॉक की शिक्षामित्र ज्योति यादव का निधन संदिग्ध रूप से कोरोना संक्रमण से 3 मई को हो गया. ज्योति के पति बेरोजगार हैं तथा इनका एक 9 वर्ष का पुत्र है. बुजुर्ग सास-ससुर की जिम्मेदारी भी ज्योति के ऊपर थी.

आजमगढ़ में सबसे अधिक मौतें
- प्रदेश के सभी 75 जिलों में 1,621 शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों व कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है. इन सभी लोगों ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी की थी.

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- इस सूची के अनुसार सबसे अधिक आजमगढ़ जिले में 68 शिक्षकों-कर्मचारियों की मृत्यु हुई है. गोरखपुर में 50, लखीमपुर में 47, रायबरेली में 53, जौनपुर में 43, इलाहाबाद में 46, लखनऊ में 35, सीतापुर में 39, उन्नाव में 34, गाजीपुर में 36, बाराबंकी में 34 शिक्षक, शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों-कर्मचारियों रसोइयों की मौत हुई है.

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