लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ ने भारत में फ्रांस के राजदूत इमैन्युएल लेनैन से शिष्टाचार भेंट की. इस मौके पर फ्रांस-भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के बीच संबन्धों को और मजबूत करने के बारे में चर्चा की.
राफेल के लिए सीएम ने किया धन्यवाद
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच पुराने समय से ही मजबूत सम्बन्ध रहे हैं. उन्होंने फ्रांस सरकार को फाइटर जेट राफेल भारत को समय पर उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया. सीएम ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ फ्रांस हमारा सहयोगी है. उत्तर प्रदेश में पिछले फरवरी में डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया था, जिसमें 24 फ्रेंच कम्पनियों ने हिस्सा लिया था.
फ्रांस को निवेश के लिए किया आमंत्रित
मुख्यमंत्री ने फ्रांस को उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि यूपी में निवेश की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं. निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने विभिन्न सेक्टोरल पाॅलिसियों का निर्धारण किया है. इसके साथ ही प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भी सकारात्मक माहौल बनाया गया है. ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिज़नेस’ में उत्तर प्रदेश देश दूसरे नम्बर पर है. देश में दो डिफेंस काॅरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश में बन रहा है. उन्होंने कहा कि डिफेंस काॅरिडोर में एमआरओ, साइबर सिक्योरिटी और भी कई क्षेत्रों में निवेश की काफी सम्भावनाएं मौजूद हैं.
फ्रांस में ओडीओपी उत्पादों के लिए सम्भावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रांस में उत्तर प्रदेश के ओडीओपी उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध है. उन्होंने प्रदेश में स्थापित किए जा रहे मेडिकल डिवाइस पार्क तथा फार्मा पार्क में बड़े पैमाने पर फ्रांस की कम्पनियों को निवेश करने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने फ्रांस के राजदूत से उत्तर प्रदेश में मौजूद निवेश के सकारात्मक माहौल का पूरा लाभ उठाने के लिए कहा. जिससे भारत, उत्तर प्रदेश और फ्रांस के बीच सम्बन्ध और भी मजबूत होंगे.
शिक्षा के क्षेत्र में यूपी से हाथ मिलाना चाहता है फ्रांस
लेनैन ने कहा कि फ्रांस अपने देश तथा भारत, खास तौर पर उत्तर प्रदेश के मध्य सहयोग बढ़ाना चाहता है. यहां के छात्र-छात्राओं को फ्रांस के विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने आईआईएम लखनऊ का दौरा किया है. उनकी टीम प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों का भी दौरा करेगी. फ्रांस शिक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है. उन्होंने कहा कि फ्रांस के विश्वविद्यालयों और उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के मध्य आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए एमओयू भी साइन किया जा सकता है.
चीन छोड़ रही फ्रांस की कंपनियों की पसंद भारत
लेनैन ने कहा कि कोविड-19 से पैदा परिस्थितियों के फलस्वरूप सप्लाई चेन को सुदृढ़ करने के लिए कई फ्रेंच कम्पनियां चीन से दूसरी जगह शिफ्ट हो रही हैं. इनके लिए भारत प्रथम वरीयता वाला देश है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मौजूद सकारात्मक निवेश वातावरण के सम्बन्ध में फ्रांस की कम्पनियों को अवगत कराया जाएगा. फ्रांस की सुप्रसिद्ध कम्पनी ‘थालेस’ ने नोएडा में अपना कार्यालय स्थापित किया है. प्रदेश में निवेशकों को प्रदान की जा रही सुविधाओं को देखते हुए अन्य फ्रेंच कम्पनियां भी नोएडा में अपने कार्यालय स्थापित कर सकती हैं.