लखनऊ : म्यांमार की चार युवतियों को बांग्लादेश बॉर्डर से भारत लाकर वाया यूपी से जम्मू कश्मीर भेजा जा रहा था, यह खुलासा गिरफ्तार किये गये पीएफआई के सदस्यों ने एटीएस की पूछताछ में किया. सूत्रों की मुताबिक, जम्मू कश्मीर में इनका मिशन वहां के युवाओं को रिझाकर शादी करना और फिर पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मिशन से जोड़ना था, लेकिन बीती 6 मई को यूपी एटीएस ने कानपुर से नूर हबीबा, फारसा, राजिया और सबकुर नाहर की गिरफ्तारी कर पीएफआई के मंसूबों पर पानी फेर दिया. सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई के सदस्य परवेज व रईस ने एटीएस की पूछताछ में खुलासा किया है कि 'ये चार लड़कियां तो महज एक छोटे से खेप का हिस्सा थीं, ऐसे दर्जनों लड़कियां जम्मू भेजी जा चुकी हैं और सैकड़ों को भेजने की तैयारी थी.'
म्यांमार की युवतियों की शादी करा जम्मू में स्थापित करा रही PFI!
7 मई को वाराणसी से गिरफ्तार हुए पीएफआई के दो सदस्यों परवेज अहमद व रईस अहमद की एटीएस रिमांड भले ही खत्म हो चुकी हो, लेकिन इस दौरान जो उन्होंने खुलासे किए उसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि पीएफआई के लोग म्यांमार से खूबसूरत शादीशुदा लड़कियों को भारत बुला रहे हैं और उन्हें यूपी में अपने मिशन 'गज़बा ए हिंद' के लिए तैयार कर जम्मू कश्मीर भेज रहे हैं. मकसद वहां के युवाओं को रिझाना और फिर भारत सरकार के खिलाफ खड़ा करना है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी एटीएस को जांच में कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे ये साबित हो रहा है कि सिर्फ शादी शुदा म्यांमार की युवतियों की भारत में अवैध रूप से एंट्री हो रही है और उनकी जम्मू में उनकी दोबारा शादी कर वहां स्थापित किया जा रहा है.'
पैसों के लालच में PFI के मिशन से जुड़ लड़कियां जा रहीं जम्मू!
सूत्रों के मुताबिक, 6 मई को कानपुर से गिरफ्तार हुई रोहिंग्या सबकुर नाहर म्यांमार की रहने वाली है. उसकी शादी भी म्यांमार में ही हुई थी, जिसका मैरिज सर्टिफिकेट यूपी एटीएस के पास मौजूद है. वह एक वर्ष पहले बांग्लादेश आई थी. पीएफआई के निर्देश पर बांग्लादेश से उसे भारत लाया गया और वहां से त्रिपुरा के रहने वाला एजेंट सुबीर शब्दाकर यूपी ले आया. यूपी एटीएस के सामने सबकुर नाहर ने बताया कि 'म्यांमार में उसकी शादी हो चुकी थी, लेकिन वह पैसों के लिए दूसरी शादी करने के लिए भी तैयार थी. ऐसे में सुबीर शब्दाकर के साथ बॉर्डर पार कर भारत आ गई और यहां उसे कई लोगों से मिलाया गया था, जहां उसे हिंदी बोलना, अपनी वेशभूषा बदलने समेत कई विषयों को जानकारी दी गई.'
जानबूझ कर इस्तेमाल की जा रहीं म्यांमार की शादीशुदा युवतियां
सूत्रों के मुताबिक, कानपुर से रोहिंग्या की गिरफ्तारी के एक दिन बाद वाराणसी से गिरफ्तार हुए पीएफआई के सदस्य परवेज व रईस अहमद ने 11 से 18 मई के बीच रिमांड के दौरान एटीएस के सामने कबूल किया है कि 'म्यांमार और बांग्लादेश की खूबसूरत लड़कियों को जम्मू भेजना पीएफआई के मिशन का हिस्सा है. उनकी मंशा थी कि यूपी में इन शादीशुदा रोहिंग्या युवतियों को हिंदी और उर्दू सिखाना, उनके बोलचाल और रहने के ढंग को बदल कर जम्मू कश्मीर भेज कर वहां के युवाओं को अपने झांसे में लाना था. जिससे पीएफआई जम्मू कश्मीर के युवाओं को भारत की हुकूमत के खिलाफ खड़े कर सकें.' पूछताछ में पीएफआई सदस्य ने बताया कि 'भारतीय मूल की लड़कियों की जगह रोहिंग्या को जम्मू भेजने के पीछे का प्रमुख कारण था कि उनका यहां कोई रिश्तेदार नहीं रहता था और उन्हें पैसों की भी जरूरत होती थी. इस वजह से वो किसी की नजरों में नहीं आती हैं और पैसों के लालच में अपना काम बखूबी करती थीं.'
म्यांमार की लड़कियों के कई दस्तावेज ATS को मिले
यूपी एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि 'छह मई को कानपुर से गिरफ्तार हुए आठ रोहिंग्या से पूछताछ के आधार पर जम्मू एक टीम गई थी. जहां से सबकुर की म्यांमार में हुई शादी का सर्टिफिकेट बरामद हुआ है, यही नहीं कुछ अन्य लड़कियों से जुड़े दस्तावेज और सबूत मिले हैं. एटीएस वहां की जांच एजेंसियों से तालमेल बना कर एक सर्च ऑपरेशन चला रही है, जिससे और भी म्यांमार व बांग्लादेशी महिलाओं को ढूंढा जा सके.'
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