लखनऊ : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. चार्जशीट में ईडी ने बिचौलिये मानवेंद्र चड्ढा के बयान के आधार पर दावा किया है कि राज्य के अस्पतालों में आरओ सिस्टम लगाने का ठेका दिलाने के एवज में तत्कालीन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मिले 2 करोड़ रुपये में से 50 लाख रुपये एक पार्टी कार्यालय भेजे थे, जहां कुशवाहा के करीबी ने यह रकम ली थी.
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को एनआरएचएम घोटाले की जांच के दौरान बिचौलिये मानवेंद्र चड्ढा ने पूछताछ में बताया कि आरओ सिस्टम लगाने के काम दिलाने के एवज में बाबू सिंह कुशवाहा को 7 प्रतिशत और तत्कालीन प्रमुख सचिव को एक प्रतिशत कमिशन दिया था. किसको कितना और किस मद में कमीशन देना है, इसे लेकर कुशवाहा के लखनऊ स्थित घर पर मई और जून 2009 में गिरीश मलिक और मानवेंद्र चड्ढा की मीटिंग हुई थी. इसमें कुशवाहा ने 7 प्रतिशत घूस की मांग की थी, जिसमें पहले 50 लाख और बाद में 1.50 करोड़ रुपए दिए गए थे।
ईडी की चार्जशीट में यूपीएसआईसी के महाप्रबंधक अभय बाजपाई को बिचौलियों ने 36 लाख रुपये कमिशन में दिए थे. चार्जशीट में आरोपित कंपनियों ने टेंडर के दौरान तीन अलग-अलग बिड डाली थीं. उसी आधार पर इन तीनों कंपनियों को एल- 1, एल-2 और एल-3 के टेंडर मिल गए. इन टेंडर को देने का कोई सरकारी आदेश नहीं था और किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया. आरोपियों ने घोटाले की रकम से 60 करोड़ की संपत्तियां खरीदी थीं, जिसके बाद ईडी ने सभी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए संपत्तियां खरीदने का केस दर्ज किया था.
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