लखनऊ: आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग में विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों के ट्रांसफर में धांधली के आरोप में निदेशक संतोष अग्रवाल तत्काल प्रभाव से पद से हटा दी गई हैं. इसके साथ ही स्थानांतरण नीति समाप्त होने और शासन की बिना अनुमति के 400 से अधिक कर्मचारियों के तबादले करने पर निदेशक आंतरिक लेखा एवं परीक्षा संतोष अग्रवाल को शासन से सम्बद्ध कर दिया गया है, साथ ही एक जांच कमेटी भी गठित की गई है, जो उन पर लगे आरोपों की जांच कर रही है. इसके अलावा निदेशक द्वारा किए गए सभी तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश शासन से जारी किया गया है.
दरअसल, पिछले दिनों आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा निदेशक संतोष अग्रवाल ने शासन की अनुमति के बिना विभाग के विभिन्न संवर्ग के 456 कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए थे. जिसकी जानकारी होने पर शासन की तरफ से नाराजगी जताई गई और तत्काल प्रभाव से निदेशक को हटाने की कार्रवाई की गई है. शासन के वित्त विभाग के विशेष सचिव प्रकाश बिंदु की तरफ से यह कार्यवाही की गई है. इसके साथ ही वित्त विभाग में विशेष सचिव नील रतन कुमार को अगले आदेश तक निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
निदेशक आंतरिक लेखा एवं परीक्षा विभाग संतोष अग्रवाल द्वारा किए गए नियम विरुद्ध तबादले की जांच के लिए एक कमेटी भी गठित की गई है. तबादलों की जांच के लिए गठित कमेटी में आलोक कुमार अग्रवाल वित्त नियंत्रक वन विभाग और समीर कुमार वर्मा को संयुक्त जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. कमेटी को शासन के वित्त विभाग को 3 दिनों के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है.
निदेशक संतोष अग्रवाल पर पहले भी तमाम तरह की अनियमितता करने के आरोप लगे हैं. पूर्व में उन पर कई सीनियर ऑडिटर और लेखाकारों की सीनियारिटी को दरकिनार करके प्रोन्नत करने के आरोप लगे थे.