लखनऊ. प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद (State Basic Education Council) के स्कूलों में पढ़ा रहे सभी शिक्षकों को स्कूल खुलने से 15 मिनट पहले व बंद होने के कम से कम 30 मिनट बाद तक उपस्थित रहना होगा. इस दौरान शिक्षक पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे. साथ ही साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा. यदि कोई शिक्षक समय-सारणी का पालन नहीं कर पाता है तो वह उसकी पूर्ति अतिरिक्त कक्षाएं लगाकर करनी होगी. छात्रों के पठन-पाठन को लेकर मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है. शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है. पत्र में ये भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन भी नहीं हो सकेगा. इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा. विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा. शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा. सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक आहूत की जाएगी. इस बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी.
टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में 14 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी किया गया था. शासनादेश में कहा गया था कि शैक्षणिक समय के अंतर्गत उल्लिखित समयानुसार प्रार्थना सभा, योग न्यास अवश्य कराया जाए.
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