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चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को छात्रों की इंटर्नशिप के लिए जारी करना होगा एनओसी, कोर्ट ने दिया आदेश

बीडीएस के छात्रों को केजीएमयू में इंटर्नशिप करने का मौका मिल सकेगा. इसके लिए कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को आदेश जारी किया.

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केजीएमयू दंत संकाय
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Published : May 25, 2022, 10:02 PM IST

लखनऊ : बीडीएस के छात्रों को काफी दिनों बाद राहत मिली है. अब उन्हें केजीएमयू में इंटर्नशिप करने का मौका मिल सकेगा. इसके लिए कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को आदेश जारी किया.

कोविड का प्रकोप कम होने पर किया था इंकार : केजीएमयू दंत संकाय में इंटर्नशिप के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) जारी करना होगा. कोविड का प्रकोप कम होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने इंटर्नशिप के लिए एनओसी जारी करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद छात्रों ने कोर्ट में गुहार लगाई थी. अब कोर्ट ने महानिदेशक को एनओसी जारी करने के लिए कहा है.

एक साल की इन्टर्नशिप है जरूरी : दरअसल, केजीएमयू ने इंटर्नशिप कराने के लिए विज्ञापन निकाला गया था. बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (बीडीएस) छात्रों को एक साल की इंटर्नशिप करनी जरूरी है. नियमानुसार जो छात्र जहां दाखिला लेता है, उसे वहीं से इंटर्नशिप करनी होती है. कोरोना काल में छात्रों को घर के निकट डेंटल कॉलेज में इंटर्नशिप करने की छूट दी गई थी. केस कम होने पर एनएमसी ने यह छूट भी वापस ले ली. वहीं, दूसरी ओर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) ने अभी तक छूट खत्म नहीं की है.

पढ़ेंः शोध : डायबिटिक मां से जन्मे शिशु को हार्ट फेल्योर का खतरा, खास मार्कर से पहचान आसान

छात्र डॉ. मिताली निगम व उनके साथियों ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कहा अभी तक डीसीआई ने छूट खत्म नहीं की है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने दो छात्रों को एनओसी दी है. इसी आधार पर बाकी छात्रों को भी एनओसी जारी की जाए. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एनओसी जारी करने का आदेश दिया है. केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.

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लखनऊ : बीडीएस के छात्रों को काफी दिनों बाद राहत मिली है. अब उन्हें केजीएमयू में इंटर्नशिप करने का मौका मिल सकेगा. इसके लिए कोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक को आदेश जारी किया.

कोविड का प्रकोप कम होने पर किया था इंकार : केजीएमयू दंत संकाय में इंटर्नशिप के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक को अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एनओसी) जारी करना होगा. कोविड का प्रकोप कम होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने इंटर्नशिप के लिए एनओसी जारी करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद छात्रों ने कोर्ट में गुहार लगाई थी. अब कोर्ट ने महानिदेशक को एनओसी जारी करने के लिए कहा है.

एक साल की इन्टर्नशिप है जरूरी : दरअसल, केजीएमयू ने इंटर्नशिप कराने के लिए विज्ञापन निकाला गया था. बैचलर ऑफ डेंटल साइंस (बीडीएस) छात्रों को एक साल की इंटर्नशिप करनी जरूरी है. नियमानुसार जो छात्र जहां दाखिला लेता है, उसे वहीं से इंटर्नशिप करनी होती है. कोरोना काल में छात्रों को घर के निकट डेंटल कॉलेज में इंटर्नशिप करने की छूट दी गई थी. केस कम होने पर एनएमसी ने यह छूट भी वापस ले ली. वहीं, दूसरी ओर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) ने अभी तक छूट खत्म नहीं की है.

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छात्र डॉ. मिताली निगम व उनके साथियों ने कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कहा अभी तक डीसीआई ने छूट खत्म नहीं की है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने दो छात्रों को एनओसी दी है. इसी आधार पर बाकी छात्रों को भी एनओसी जारी की जाए. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एनओसी जारी करने का आदेश दिया है. केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.

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