लखनऊ : यूपी में पंचायत चुनाव के दौरान लोक निर्माण विभाग के 40 डिप्लोमा इंजीनियरों ने जान गंवाई थी. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने सरकार से जान गंवाने वाले इंजीनियरों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग की है. इसके अलावा इंजीनियर्स संघ ने मृतक के परिजनों को 30 दिन के अंदर नौकरी देने की मांग की है.
ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों को शहीद का दर्जा
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि जिन कर्मचारियों की कोरोना से मौत हो गई है. उन्हें शहीद का दर्जा दिलाने के लिए सरकार से मांग की गई है. इंजीनियर्स ने कोविड काल में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार से 8 अप्रैल को पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों को पर्याप्त संसाधन व कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करने की मांग की गई थी.
कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन न होने के कारण 17 अप्रैल को ड्यूटी में लगाए गए 3 अपर सहायक अभियंताओं की कोविड से मृत्यु हो गई थी. डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मृतक आश्रितों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दिलाने की मांग रखी थी. जिसके बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने सरकार को मई के पहले सप्ताह में 1 करोड़ की अनुग्रह राशि देने पर विचार करने को कहा था.
मुख्यमंत्री को सौंपी 6 सूत्री मांगें
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण कुमार यादव एवं महामंत्री प्रकाशचन्द्र ने इस सम्बंध में 6 सूत्रीय मांगों की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री एवं निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया है. संघ ने मृतक कार्मिक की आयु और उसकी भविष्य की सेवा के आधार पर एक चार्ट तैयार करके 1 करोड़ से अधिक की धनराशि के औचित्य को प्रमाणित करने की मांग की. साथ ही मृतक आश्रितों को इलाज का खर्च भी दिलाने की मांग की है.
कोरोना संक्रमित कर्मचारी भी करते रहे ड्यूटी
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के अध्यक्ष एन.डी. द्विवेदी ने बताया कि बहराइच में तैनात सहायक अभियंता आर.डी. सिंह की चुनाव ड्यूटी लगाई गई थी. 22 अप्रैल को चुनाव से संबंधित बैठक में वह संक्रमित हो गए थे. जिसके बाद 24 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट पाॅजीटिव आई थी. इस पर सहायक अभियंता ने जिला निर्वाचन अधिकारी को रिपोर्ट भेजकर चुनाव से ड्यूटी हटाने की मांग की थी. कोरोना संक्रमित होने के बाद भी अभियंता आर.डी. सिंह ने 24, 25 व 26 अप्रैल तक ड्यूटी की थी. अधिशासी अभियंता के लिखित अनुरोध पर उन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया गया था. इसके बाद संक्रमित सहायक अभियंता को 27 अप्रैल को राममनोहर लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया. बाद 16 मई को जगरानी हाॅस्पिटल और 19 को मेदांता में भर्ती कराया गया. 6 जून को मेंदांता अस्पताल में इलाज के दौरान सहायक अभियंता आर.डी. की मौत हो गई थी.
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