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कंपोजिट विद्यालयों में फॉलो हो रहा अलग-अलग टाइम टेबल, व्यवस्था निर्धारण में शिक्षकों का नहीं मिल रहा सहयोग - AD Basic Shyam Kishore Tiwari

बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत एक ही विद्यालय भवन में संचालित प्राथमिक विद्यालयों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एक ही टाइम टेबल लागू करने का फैसला लिया गया है. इन कंपोजिट विद्यालयों में शिक्षकों का सहयोग न मिलने की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग की यह व्यवस्था परवान नहीं चढ़ रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 7:14 PM IST

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद ने साल 2018 में प्रदेश में संचालित उन प्राथमिक विद्यालयों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक कर दिया था, जो एक ही जगह पर स्थित थे. पूरे प्रदेश में ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 24 हजार से अधिक हैं. लखनऊ में 208 विद्यालय ऐसे थे, जिन्हें विलय कर कंपोजिट विद्यालय में तब्दील कर दिया गया था. बेसिक शिक्षा विभाग में इन विद्यालयों को समायोजित करने के साथ ही इनके संचालन की व्यवस्था प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर करने का आदेश दिया था. इन विद्यालयों में एक टाइम टेबल के साथ ही प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों दोनों शिक्षकों को एक साथ ही विद्यालय में पढ़ने के निर्देश दिए थे. साथ ही दोनों विद्यालयों में जो भी शिक्षक वरिष्ठ होगा उसे कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाचार्य बनाया जाएगा. इसके बावजूद राजधानी सहित प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में शासन के मनसा के अनुरूप शिक्षण कार्य अब तक नहीं शुरू हो पाया है. एडी बेसिक की ओर से ऐसे सभी कंपोजिट विद्यालयों के संचालन नियमानुसार करने के लिए संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं.

कंपोजिट विद्यालयों के लिए व्यवस्था.
कंपोजिट विद्यालयों के लिए व्यवस्था.


भी तक विद्यालय में नहीं बन पाया एक टाइम टेबल

एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि मंडल के विद्यालयों के साथ ही पूरे प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में अभी तक एक समान टाइम टेबल नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में सबसे बड़ी समस्या प्राथमिक में चयनित शिक्षक उच्च प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. इसी तरह उच्च प्राथमिक का शिक्षक प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि राजधानी सहित प्रदेश में मर्ज किए गए करीब 24 हजार विद्यालयों में से 20 हजार विद्यालयों में अभी तक एक टाइम टेबल का नियम नहीं लागू हो पाया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी यहां पर दो-दो प्रधानाचार्य के साथ कम कर रहे हैं. साथ ही कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 का अलग-अलग संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इन विद्यालयों में शिक्षकों के वरिष्ठ सूची को लेकर भी विवाद सामने आया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी कक्षा 1 से 5 तक के प्राथमिक विद्यालयों के लिए अलग प्रधानाचार्य और 6 से 8 के लिए अलग प्रधानाचार्य अभी भी काम कर रहे हैं. ऐसे में लखनऊ मंडल से जुड़े सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी कंपोजिट विद्यालयों में एक समान टाइम टेबल बनवाकर जारी करें व सभी शिक्षकों को नियमित कक्षाएं लेने के निर्देश दें.


शिक्षकों की समस्या


बेसिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी का कहना है कि सरकार की ओर से कंपोजिट विद्यालयों की व्यवस्ता तो कर दी, लेकिन शिक्षकों के प्रमोशन व दूसरी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया. इसी का नतीजा है कि प्रदेश के सभी कंपोजिट विद्यालयों में एक समान टाइम टेबल जारी करने का आदेश अभी तक पालन नहीं हो पा रहा है. इन कंपोजिट विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक 6 से 8 की कक्षाएं लेने से मना कर रहे है. वहीं उच्च प्राथमिक के शिक्षक कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय में पढ़ने से साफ तौर पर इंकार कर रहे हैं. प्रांतीय शिक्षक एवं प्रशिक्षित स्नातक संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि अगर सरकार को इस समस्या का समाधान करना है तो महानिदेशक स्कूल शिक्षा को अपने स्तर से इन सभी कंपोजिट विद्यालयों के लिए एक समान टाइम टेबल जारी करना होगा. साथ ही उन्हें इन विद्यालयों के लिए किसे प्रधानाचार्य बनाया जाना है यह भी तय करना होगा. तभी इन विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है.

यह भी पढ़ें : Teacher Transfer : स्थानांतरण के बाद कार्यमुक्त न करने से नाराज शिक्षिकाओं ने घेरा निदेशालय, लगाई यह गुहार

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लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद ने साल 2018 में प्रदेश में संचालित उन प्राथमिक विद्यालयों व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एक कर दिया था, जो एक ही जगह पर स्थित थे. पूरे प्रदेश में ऐसे विद्यालयों की संख्या करीब 24 हजार से अधिक हैं. लखनऊ में 208 विद्यालय ऐसे थे, जिन्हें विलय कर कंपोजिट विद्यालय में तब्दील कर दिया गया था. बेसिक शिक्षा विभाग में इन विद्यालयों को समायोजित करने के साथ ही इनके संचालन की व्यवस्था प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर करने का आदेश दिया था. इन विद्यालयों में एक टाइम टेबल के साथ ही प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों दोनों शिक्षकों को एक साथ ही विद्यालय में पढ़ने के निर्देश दिए थे. साथ ही दोनों विद्यालयों में जो भी शिक्षक वरिष्ठ होगा उसे कंपोजिट विद्यालय का प्रधानाचार्य बनाया जाएगा. इसके बावजूद राजधानी सहित प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में शासन के मनसा के अनुरूप शिक्षण कार्य अब तक नहीं शुरू हो पाया है. एडी बेसिक की ओर से ऐसे सभी कंपोजिट विद्यालयों के संचालन नियमानुसार करने के लिए संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजे गए हैं.

कंपोजिट विद्यालयों के लिए व्यवस्था.
कंपोजिट विद्यालयों के लिए व्यवस्था.


भी तक विद्यालय में नहीं बन पाया एक टाइम टेबल

एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि मंडल के विद्यालयों के साथ ही पूरे प्रदेश के इन कंपोजिट विद्यालयों में अभी तक एक समान टाइम टेबल नहीं बन पाया है. उन्होंने बताया कि इन विद्यालयों में सबसे बड़ी समस्या प्राथमिक में चयनित शिक्षक उच्च प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. इसी तरह उच्च प्राथमिक का शिक्षक प्राथमिक में क्लास नहीं ले रहे हैं. एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि राजधानी सहित प्रदेश में मर्ज किए गए करीब 24 हजार विद्यालयों में से 20 हजार विद्यालयों में अभी तक एक टाइम टेबल का नियम नहीं लागू हो पाया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी यहां पर दो-दो प्रधानाचार्य के साथ कम कर रहे हैं. साथ ही कक्षा 1 से 5 और 6 से 8 का अलग-अलग संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इन विद्यालयों में शिक्षकों के वरिष्ठ सूची को लेकर भी विवाद सामने आया है. कंपोजिट विद्यालय बनने के बाद भी कक्षा 1 से 5 तक के प्राथमिक विद्यालयों के लिए अलग प्रधानाचार्य और 6 से 8 के लिए अलग प्रधानाचार्य अभी भी काम कर रहे हैं. ऐसे में लखनऊ मंडल से जुड़े सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी कंपोजिट विद्यालयों में एक समान टाइम टेबल बनवाकर जारी करें व सभी शिक्षकों को नियमित कक्षाएं लेने के निर्देश दें.


शिक्षकों की समस्या


बेसिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी का कहना है कि सरकार की ओर से कंपोजिट विद्यालयों की व्यवस्ता तो कर दी, लेकिन शिक्षकों के प्रमोशन व दूसरी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया. इसी का नतीजा है कि प्रदेश के सभी कंपोजिट विद्यालयों में एक समान टाइम टेबल जारी करने का आदेश अभी तक पालन नहीं हो पा रहा है. इन कंपोजिट विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षक 6 से 8 की कक्षाएं लेने से मना कर रहे है. वहीं उच्च प्राथमिक के शिक्षक कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालय में पढ़ने से साफ तौर पर इंकार कर रहे हैं. प्रांतीय शिक्षक एवं प्रशिक्षित स्नातक संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह का कहना है कि अगर सरकार को इस समस्या का समाधान करना है तो महानिदेशक स्कूल शिक्षा को अपने स्तर से इन सभी कंपोजिट विद्यालयों के लिए एक समान टाइम टेबल जारी करना होगा. साथ ही उन्हें इन विद्यालयों के लिए किसे प्रधानाचार्य बनाया जाना है यह भी तय करना होगा. तभी इन विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता को सुधारा जा सकता है.

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