लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवरों ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने में अपनी जेब खूब मजबूत की. लखनऊ समेत प्रदेश भर से दर्जनों ड्राइवरों की डीजल चोरी से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं. बस चालकों ने प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के दौरान रास्ते में दूसरी बसों में शिफ्ट कर किलोमीटर में हेराफेरी कर डीजल चोरी कर बेच दिया और इसका पैसा सीधे अपनी जेब में रख लिया. जिसे लेकर अब कई ड्राइवरों पर निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही है और कई ड्राइवरों के खिलाफ जांच जारी है.
1 को जेल 4 नौकरी से बाहर
परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि डीजल चोरी मामले में दो दर्जन से ज्यादा ड्राइवरों की शिकायतें मिली हैं. इनमें 10 चालकों से किलोमीटर के आधार पर डीजल खर्च मामले में नोटिस देकर जवाब मांगा गया है. बाकी अन्य मामलों में डीजल चोरी का खुलासा जांच के बाद किया जाना है. डीजल चोरी में अभी तक चारबाग और कैसरबाग डिपो के 5 ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. जिसमें से एक चालक को जेल भेजा जा चुका है और चार को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
गुरुवार को चारबाग डिपो के एआरएम अमरनाथ सहाय ने एक संविदा चालक मणिशंकर पांडेय को डीजल चोरी में दोषी पाए जाने पर नौकरी से निकाल दिया. लगातार डीजल चोरी के मामले सामने आने के बाद अब परिवहन निगम के अधिकारी तकनीक का इस्तेमाल कर इन मामलों पर रोक लगाने का प्रयास करेंगे. व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम से बस किस रूट पर कितने किलोमीटर चली इसका ब्यौरा निकालकर डीजल खर्च की जांच की जाएगी.
लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस बताते हैं कि लॉकडाउन से लेकर अभी तक लखनऊ क्षेत्र के सभी डिपो में डीजल खर्च का डाटा भेजने के निर्देश दिए गए हैं. पूरे मामले की जांच कर सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे. उसके बाद दोषी पाए जाने पर ड्राइवरों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
सख्ती के बाद खुल रहे मामले
लॉकडाउन के दौरान डीजल खर्च की जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश UPSRTC के चीफ जनरल मैनेजर (टेक्निकल) जयदीप वर्मा ने दिए थे. सीनियर अफसरों के आदेश को भी रोडवेज के लापरवाह अधिकारियों ने दरकिनार कर दिया. यही वजह है कि ड्राइवर जमकर डीजल चोरी करते रहे. अब जब सख्ती बरती गई है तो डीजल चोरी के तमाम प्रकरण सामने आ रहे हैं.