लखनऊः यूपी में गुर्दा रोगियों के लिए एक राहत की ख़बर आई है. अब गुर्दा रोगियों का इलाज और भी आसानी से हो सकेगा. इसके लिए यूपी सरकार प्रदेश के 27 और जिलों में डॉयलिसिस यूनिट लगाने जा रही है. ऐसे में किडनी (गुर्दा) के मरीजों को लखनऊ तक भागदौड़ नहीं करनी होगी.
डीजी हेल्थ यूपी डॉक्टर वेदव्रत सिंह के मुताबिक अभी 48 जिलों में डायलिसिस यूनिट संचालित हैं. यह जिला अस्पताल और मंडलीय अस्पतालों में बनी है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित यूनिटों में मुफ्त डायलिसिस की जाती है. अब तक लाखों मरीज डायलिसिस करा चुके हैं. वहीं 27 जिलों के मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्हें राजधानी और निजी डायलिसिस सेंटरों में भटकना पड़ रहा है. ऐसे में सुविधा से वंचित जिलों में भी डायलिसिस यूनिट का संचालन किया जाएगा. इसका निर्माण शुरू हो चुका है.
बाराबंकी, सीतापुर, बहराइच, ललितपुर, चित्रकूट, महोबा, महाराजगंज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, औरैया, हरदोई, लखीमपुर खीरी, मैनपुरी, कासगंज, हाथरस ,फतेहपुर, मऊ, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर, संभल, शामली, गाजीपुर और चंदौली जनपद हैं.
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प्रदेश में संचालित 48 पीपीपी डायलिसिस सेंटरों में अब तक 65 लाख से ज्यादा लोगों ने डायलिसिस करवाई. सरकारी अस्पताल में कुल 52 डायलिसिस यूनिट हैं. लखनऊ में पीपीपी और सरकारी दोनों तरह की यूनिट बलरामपुर अस्पताल में है. इसके अलावा चिकित्सा संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों में भी डायलिसिस यूनिट का संचालन हो रहा है. वहीं निजी क्षेत्र में सर्वाधिक सेंटर आगरा में 24 संचालित हैं. इसके अलावा लखनऊ में 20, कानपुर में 15, प्रयागराज में 11, मेरठ में 12, गाजियाबाद में 11 प्राइवेट डायलिसिस सेंटर संचालित हैं. इन प्राइवेट सेंटर पर एक बार डायलिसिस कराने पर 5 से 7 हजार रुपये खर्च होता है. वहीं पीपीपी मॉडल पर संचालित सेंटरों पर मुफ्त में डायलिसिस होती है. कंपनी को पैसा सरकार तय शुल्क के आधार पर देती है.