ETV Bharat / state

UP DGP ने कहा, साल साल से कम सजा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हो पालन

author img

By

Published : Feb 20, 2023, 12:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान (UP DGP) सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए काफी सख्त नजर आ रहे हैं. डीजीपी ने जिले के कप्तान व पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए गए हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को प्रोफेशनल व बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी की ओर से सभी जिले के कप्तान व पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सात साल से कम की सजा के मामले में कार्यवाही को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. सात वर्ष से कम सजा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था. डीजीपी उत्तर प्रदेश ने उसी आदेश का हवाला देते हुए निर्देश जारी किए हैं, जिसके चलते सात वर्ष से कम सजा के मामले में महिलाओं से थाने पर पूछताछ न करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सात वर्ष से कम सजा के मामले में गिरफ्तारी व नोटिस को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं.


'अनावश्यक परेशान न किया जाए' : सात साल से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी, नोटिस और पूछताछ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद डीजीपी यूपी डीएस चौहान ने अपने मातहतों को सख्त निर्देश दिए हैं. डीजीपी यूपी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन करें और महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने ना बुलाएं. पूछताछ के दौरान परिजनों और महिला पुलिस की मौजूदगी जरूरी है. सात साल से कम सजा वाले मामलों में अनावश्यक परेशान न किया जाए और नोटिस, गिरफ्तारी को लेकर भी गंभीरता दिखाई जाए. अनावश्यक परेशान न किया जाए ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात भी कही गई है.



विशेष परिस्थितियों को छोड़ दें तो सात वर्ष से कम सजा के मामले में पुलिस को गिरफ्तारी का सीधा अधिकार नहीं है, लेकिन कई बार यह देखने को मिला है कि पुलिस सात वर्ष से कम सजा के मामले में भी आरोपी पर गिरफ्तारी का दबाव बनाती है. कई बार नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की जाती है. ऐसे में मामला कोर्ट में पहुंचता है तो कोर्ट को पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ती है, जिसमें पुलिस विभाग की भर्ती है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सात वर्ष से कम के मामलों को लेकर पिछले दिनों स्पष्ट निर्देश जारी किया है. निर्देश जारी होने के बाद भी कई बार पुलिस कर्मचारी आदेशों का पालन नहीं करते हैं. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी की ओर से पत्र जारी कर सभी जिले के मुखिया को निर्देशित किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो आदेशों की अवहेलना करते हुए कार्यवाही करने वाले पुलिस कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी. उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए काफी सख्त नजर आ रहे हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को प्रोफेशनल व बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी की ओर से सभी जिले के कप्तान व पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सात साल से कम की सजा के मामले में कार्यवाही को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. सात वर्ष से कम सजा के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया था. डीजीपी उत्तर प्रदेश ने उसी आदेश का हवाला देते हुए निर्देश जारी किए हैं, जिसके चलते सात वर्ष से कम सजा के मामले में महिलाओं से थाने पर पूछताछ न करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही सात वर्ष से कम सजा के मामले में गिरफ्तारी व नोटिस को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं.


'अनावश्यक परेशान न किया जाए' : सात साल से कम सजा वाले मामलों में गिरफ्तारी, नोटिस और पूछताछ को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद डीजीपी यूपी डीएस चौहान ने अपने मातहतों को सख्त निर्देश दिए हैं. डीजीपी यूपी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन करें और महिलाओं को पूछताछ के लिए थाने ना बुलाएं. पूछताछ के दौरान परिजनों और महिला पुलिस की मौजूदगी जरूरी है. सात साल से कम सजा वाले मामलों में अनावश्यक परेशान न किया जाए और नोटिस, गिरफ्तारी को लेकर भी गंभीरता दिखाई जाए. अनावश्यक परेशान न किया जाए ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की बात भी कही गई है.



विशेष परिस्थितियों को छोड़ दें तो सात वर्ष से कम सजा के मामले में पुलिस को गिरफ्तारी का सीधा अधिकार नहीं है, लेकिन कई बार यह देखने को मिला है कि पुलिस सात वर्ष से कम सजा के मामले में भी आरोपी पर गिरफ्तारी का दबाव बनाती है. कई बार नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की जाती है. ऐसे में मामला कोर्ट में पहुंचता है तो कोर्ट को पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करनी पड़ती है, जिसमें पुलिस विभाग की भर्ती है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने सात वर्ष से कम के मामलों को लेकर पिछले दिनों स्पष्ट निर्देश जारी किया है. निर्देश जारी होने के बाद भी कई बार पुलिस कर्मचारी आदेशों का पालन नहीं करते हैं. ऐसे में अब उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी की ओर से पत्र जारी कर सभी जिले के मुखिया को निर्देशित किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो आदेशों की अवहेलना करते हुए कार्यवाही करने वाले पुलिस कर्मचारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी. उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए काफी सख्त नजर आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें : UP Budget Session 2023 : सपा विधायकों का धरना प्रदर्शन, राज्यपाल व मुख्यमंत्री पहुंचे विधानसभा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.