लखनऊ: हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी के हत्यारों की तलाश में यूपी पुलिस सक्रिय है. उत्तर प्रदेश पुलिस की कई टीमें गुजरात सहित अन्य राज्यों में सक्रिय हैं. ऐसे में डीजीपी ओपी सिंह ने इस मामले की कमान अपने हाथों में संभाल रखी है. देर रात डीजीपी ओपी सिंह एडीजी जोन एसएन साबत के कार्यालय पहुंचे और वहां पर सीसीटीवी फुटेज में नजर आने वाली संदिग्ध महिला से पूछताछ की.
कमलेश तिवारी हत्याकांड मे जहां तीन साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. वहीं दोनों हत्यारों की तलाश में कई टीमें लगाई गई हैं. एसपी क्राइम दिनेश पुरी के नेतृत्व में 2 टीमें सूरत में हत्यारों को पकड़ने का प्रयास कर रही हैं. हत्या को अंजाम देने वाले दोनों युवकों की तलाश में 60 से अधिक कैमरों के फुटेज खंगाले गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार 25 सीसीटीवी फुटेज में हत्यारे नजर आ रहे हैं. 22 घंटे के दौरान कुल 150 कॉल डिटेल निकाली गई हैं. पुलिस ने 150 से अधिक लोगों से पूछताछ की है. 12 अधिकारियों सहित 55 पुलिसकर्मी अलग-अलग टास्क पर लगाए गए हैं. फॉरेंसिक लैब के तीन विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है.
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लखनऊ पुलिस ने कमलेश तिवारी हत्याकांड से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानकारी जुटाई है. मिली जानकारी के अनुसार कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम देने वाले युवक ट्रेन से लखनऊ पहुंचे थे. चारबाग रेलवे स्टेशन से कमलेश तिवारी का घर पूछते हुए गणेशगंज आए थे. पुलिस की पड़ताल में हत्यारों की लोकेशन हरदोई से मुरादाबाद होते हुए गाजियाबाद में मिली है. हत्यारों ने गूगल की मदद से कमलेश तिवारी के बारे में जानकारी जुटाई थी और उस तक पहुंचने के लिए गूगल मैप का सहारा भी लिया था.
पहले जिस नंबर से हत्यारे कमलेश तिवारी से बात करते थे वह राजस्थान का निकला. वारदात के 1 दिन पहले रात करीब 12:30 बजे कमलेश को हत्यारों ने फोन किया था. एक दिन पहले जिस फोन से कमलेश तिवारी को फोन किया गया वह कानपुर के एक टैक्सी ड्राइवर का निकला. हत्यारों की पहचान के लिए गुजरात के हवाई अड्डे से दिल्ली और लखनऊ की फ्लाइट के यात्रियों से पूछताछ की जा रही है.