लखनऊ : प्रदेश में लगातार लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्य हो रहा है. वहीं एक मामले में डिप्टी सीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक को हटा दिया है और विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं. मामला रायबरेली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का बताया जा रहा है. स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगा था. जिसके बाद घटना को डिप्टी सीएम ने गंभीरता से लिया.
डिप्टी सीएम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 'रायबरेली के महाराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गर्भवती महिला को इमरजेंसी में पुख्ता इलाज नहीं मिला. आरोप है कि गर्भवती महिला स्ट्रेचर पर तड़प रही थी. इसके बावजूद डॉक्टर ने समुचित इलाज उपलब्ध नहीं कराया. घटना प्रकाश में आने के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने जांच के आदेश दिए. रायबरेली सीएमओ को मामले की जांच के आदेश दिए. शुरूआती जांच में आरोप सही मिले हैं. इसके बाद डिप्टी सीएम ने चिकित्सा अधीक्षक को हटाने के निर्देश दिए. साथ ही पूरे मामले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट दो दिन के अंदर प्रेषित किए जाने का आदेश भी दिया है. अगर कोई चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी दोषी पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध भी कठोर कार्यवाही की जाएगी. डिप्टी सीएम ने कहा कि 'महाराजगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पहले भी शिकायत मिल चुकी है. चेतावनी के बाद भी कार्यशैली में सुधार नहीं आया. उन्होंने कहा कि इस तरह के लापरवाह अफसर व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा.'
इलाज के आदेश : गोंडा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में फर्श पर बैठे मरीज का वीडियो वायरल हुआ है. इसमें मरीज के पैर से खून का रिसाव हो रहा है. डिप्टी सीएम ने अस्पताल के सीएमएस से तत्काल मरीज को समुचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इमरजेंसी में इलाज मुहैया कराने में देरी के कारणों की जांच का आदेश दिया है.