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डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए ये निर्देश

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा की. इसके साथ ही ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों का मास्टर प्लान भी तैयार कराने के निर्देश दिए.

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
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Published : Mar 30, 2022, 8:47 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग से संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थियों की पात्रता की सघन जांच की जाये. छूटे हुए पात्र लाभार्थियों के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार करें. इसके साथ ही मनरेगा योजनान्तर्गत डुप्लीकेट जॉब कार्ड को हटाये जाने एवं सभी नवीन जॉब कार्ड के सापेक्ष आधार सीडिंग वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अंकित करें.

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहरी निकायों की भांति मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों का मास्टर प्लान भी तैयार करा लिया जाए. ग्राम पंचायतों में आवश्यकता के अनुसार सीसी रोड एवं जल निकासी नालियों की भी परियोजनायें बनाई जाए. श्रम सामग्री के अनुपात एवं अन्य अनुपातों (प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन व कृषि कार्य) को दृष्टिगत रखते हुए कार्य भी कराया जाए.

समूहों का अधिक से अधिक गठन किया जाए
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत समूहों का अधिकाधिक गठन किया जाये. साथ ही एसईसीसी सूची से अभी भी जो परिवार समूहों में सम्मिलित नहीं हैं, उनके समूह बनाने का कार्य प्राथमिकता पर किया जाये. समूहों की क्रियाशीलता पर विशेष बल दिया जाये. बीसी-सखी, महिला सामर्थ्य योजना एवं समूह की महिलाओं के द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे क्रियाकलापों पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि यूपीएसआरएलएम में कार्य कर रहे एनजीओ का विवरण उपलब्ध कराने तथा विभाग द्वारा उनके प्रस्तुतिकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये. आदर्श ग्राम बनाने के लिए किसी राज्य में विकसित किए गये सर्वश्रेष्ठ मॉडल का अध्ययन कर सुझाव प्रस्तुत किया जाये.

सौ दिन में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के दिए निर्देश
मौर्य ने कहा कि आगामी 100 दिनों में विभाग में वर्तमान में सभी रिक्तियों का अधियाचन भेजते हुए नियमानुसार भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण कराने तथा भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्राविधानों का सही ढंग से पालन कराया जाय. प्रदेश के सभी मण्डलों में मण्डल स्तरीय समीक्षा बैठकों का आयोजन कराया जाये. विकास खण्डों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट प्राविधानों के साथ प्रस्ताव बनाया जाये. डिप्टी मौर्य ने निर्देश दिये कि विभाग की सभी योजनाओं के लिए एक 24×7 टोल-फ्री नम्बर तथा शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण 48 घण्टों के भीतर कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. विभाग द्वारा संचालित प्रत्येक योजना के लिए भारत सरकार से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाये.

इसे भी पढ़ें-विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानसभा का किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश

अभिनव योजनाओं को शुरू करने का प्रयास करें
उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभाग द्वारा अभिनव योजनाओं को प्रारम्भ किये जाने का हर संभव प्रयास किया जाए. उन्होंने समस्त प्रदेशों के ग्राम्य विकास विभाग के मंत्रियों के साथ सम्मेलन का आयोजन कराने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये. स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के सम्बन्ध में ग्राम विकास अधिकारियों की जिम्मेदारी का निर्धारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ में सम्मिलित बिन्दुओं पर विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार कर उसे निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत पूर्ण किये जाने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग से संबंधित कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने ग्राम्य उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत लाभार्थियों की पात्रता की सघन जांच की जाये. छूटे हुए पात्र लाभार्थियों के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार करें. इसके साथ ही मनरेगा योजनान्तर्गत डुप्लीकेट जॉब कार्ड को हटाये जाने एवं सभी नवीन जॉब कार्ड के सापेक्ष आधार सीडिंग वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अंकित करें.

उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शहरी निकायों की भांति मनरेगा के अन्तर्गत प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों का मास्टर प्लान भी तैयार करा लिया जाए. ग्राम पंचायतों में आवश्यकता के अनुसार सीसी रोड एवं जल निकासी नालियों की भी परियोजनायें बनाई जाए. श्रम सामग्री के अनुपात एवं अन्य अनुपातों (प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन व कृषि कार्य) को दृष्टिगत रखते हुए कार्य भी कराया जाए.

समूहों का अधिक से अधिक गठन किया जाए
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत समूहों का अधिकाधिक गठन किया जाये. साथ ही एसईसीसी सूची से अभी भी जो परिवार समूहों में सम्मिलित नहीं हैं, उनके समूह बनाने का कार्य प्राथमिकता पर किया जाये. समूहों की क्रियाशीलता पर विशेष बल दिया जाये. बीसी-सखी, महिला सामर्थ्य योजना एवं समूह की महिलाओं के द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे क्रियाकलापों पर विशेष ध्यान दें. उन्होंने कहा कि यूपीएसआरएलएम में कार्य कर रहे एनजीओ का विवरण उपलब्ध कराने तथा विभाग द्वारा उनके प्रस्तुतिकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये. आदर्श ग्राम बनाने के लिए किसी राज्य में विकसित किए गये सर्वश्रेष्ठ मॉडल का अध्ययन कर सुझाव प्रस्तुत किया जाये.

सौ दिन में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के दिए निर्देश
मौर्य ने कहा कि आगामी 100 दिनों में विभाग में वर्तमान में सभी रिक्तियों का अधियाचन भेजते हुए नियमानुसार भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण कराने तथा भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्राविधानों का सही ढंग से पालन कराया जाय. प्रदेश के सभी मण्डलों में मण्डल स्तरीय समीक्षा बैठकों का आयोजन कराया जाये. विकास खण्डों के सुदृढ़ीकरण के लिए बजट प्राविधानों के साथ प्रस्ताव बनाया जाये. डिप्टी मौर्य ने निर्देश दिये कि विभाग की सभी योजनाओं के लिए एक 24×7 टोल-फ्री नम्बर तथा शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण 48 घण्टों के भीतर कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. विभाग द्वारा संचालित प्रत्येक योजना के लिए भारत सरकार से समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाये.

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अभिनव योजनाओं को शुरू करने का प्रयास करें
उप मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभाग द्वारा अभिनव योजनाओं को प्रारम्भ किये जाने का हर संभव प्रयास किया जाए. उन्होंने समस्त प्रदेशों के ग्राम्य विकास विभाग के मंत्रियों के साथ सम्मेलन का आयोजन कराने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये. स्वच्छ शौचालयों के निर्माण के सम्बन्ध में ग्राम विकास अधिकारियों की जिम्मेदारी का निर्धारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. इसके साथ ही उन्होंने ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ में सम्मिलित बिन्दुओं पर विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार कर उसे निर्धारित समय-सीमा के अन्तर्गत पूर्ण किये जाने के निर्देश सम्बंधित अधिकारियों को दिये.

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