लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में महिला अस्पताल ( Gonda Women Hospital) में अवैध वसूली का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री व डिप्टी सीएम (Health Minister and Deputy CM) ने निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में मरीज व परिजनों को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिए. डॉक्टर व कर्मचारी अपने काम काज के तरीके में बदलाव लांए. मरीजों से वसूली व बदसलूकी जैसी घटनायें किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं होंगी. ऐसा करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी. उन्होने अधिकारियों को अव्यवस्था को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण करने का निर्देश दिया.
गोंडा की घटना के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak ) ने गुरुवार को प्रदेश भर के सभी सीएमओ और सीएमएस (CMO and CMS) को निर्देशित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार मरीजों को सुविधायें मुहैया कराने के लिए प्रयास कर रही है. जिसे काफी हद तक डॉक्टर व कर्मचारी मेहनत से काम कर रहे हैं. 2017 के बाद से अस्पतालों में काफी सुधार भी हो रहा है. डॉक्टर और कर्मचारियों के बरताव में काफी बदलाव आया है. मरीजों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत कर संसाधनो को भी बढ़ाया गया है.
उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर-कर्मचारी मरीजों को पीड़ा देने से बाज नहीं आ रहे हैं. इससे सबकी मेहनत पर पानी फिर रहा है. ऐसे डॉक्टर और कर्मचारी लोग सतर्क होकर अपने कामकाज का तरीका बदल लें. अन्यथा ऐसे लापरवाह लोगों पर कठोर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि गोंडा जैसी घटनाये भविष्य में नहीं होनी चाहिए. ऐसे करने वाले किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को बख्शा नहीं जायेगा. मरीजों के इलाज में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरतनी की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की सभी सुविधाये मुफ्त मुहैया कराई जा रही हैं. लिहाजा अनैतिक रूप से धन कमाने की कोई भी चेष्टा न करे.
वहीं, डिप्टी सीएम ने निर्देश कि ओटी के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जायें. जहां कैमरे लगे हैं यदि खराब हैं तो अधिकारी उन्हें चालू करवायें. उन्होंने कहा कि मरीजों से किसी भी दशा में पैसे न लिये जायें. साथ ही महिला अस्पताल में विशेष सतर्कता बरती जाए. मरीजों को जांच से लेकर सभी दवा मुफ्त में उपलब्ध कराई जाये. अस्पताल परिसर में साफ-सफाई के साथ ठंड से बचाव के लिए अलाव का इंतजाम भी किया जाना चाहिए.