लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 14 स्वशासी राज्य मेडिकल महाविद्यायलों में जल्द ही स्टाफ नर्स की कमी दूर होगी. 1974 स्टाफ नर्स की भर्ती प्रक्रिया आखिरी दौर में है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए हैं.
प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की कवायद चल रही है. ताकि मरीजों को उनके जिले में ही और बेहतर इलाज मिल सके. 14 स्वशासी राज्य मेडिकल महाविद्यालयों में इलाज की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. संसाधनों में इजाफा किया जा रहा है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि डॉक्टर, पैरामेडिकल व स्टाफ नर्स की तैनाती की जा रही है. फेज-1 एवं फेज-2 के कुल 14 स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स सीधी भर्ती की जा रही है. संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट ऑफ मेडिकल सांइसेंस ने 1974 पदों पर सम्पन्न लिखित परीक्षा कराई. सफल अभ्यर्थियों के डाक्यूमेन्ट वेरीफिकेशन भी पूरी हो चुकी है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन की कार्यवाही के बाद अर्ह व अनर्ह तथा अनुपस्थित रहे. अभ्यर्थियों की सूची विभागीय वेबसाइट पर प्रदर्शित की जा चुकी है. डाक्यूमेन्ट वेरीफिकेशन में अर्ह पाए गए अभ्यर्थियो की च्वाइस फिलिंग के संबंध में चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय ने नोटिस भी जारी कर दी गई है.
पारदर्शी तरीके से भर्ती का दावा : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का कहना है कि जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया पूरी कराई जाए. ताकि मरीजों को और बेहतर इलाज मुहैया कराने में मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो रही है. इसमें किसी भी तरह के घालमेल की शिकायत नहीं मिली है. इस सुचिता को बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि सरकार ने नियमित भर्ती का अभियान चला रखा है. इससे बेरोजगारी का भी खात्मा होगा.
स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर तैनात हजारों कर्मचारियों को दो माह का सेवा विस्तार, नए डीजी भी तैनात
कोविड के समय आउटसोर्सिंग (संविदा) पर तैनात हजारों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पहल पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को दो माह का सेवाविस्तार प्रदान किया गया है. डिप्टी सीएम के निर्देश पर नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की निदेशक की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है. प्रदेश के 53 जिलों में बीएसएल-2 प्रयोगशाला में एनएचएम की तरफ से आउटसोर्सिंग पर कर्मचारी तैनात हैं. जबकि अस्पतालों में भी कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें पैरामेडिकल स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, जनरेटर चालक, चतुर्थ श्रेणी समेत अन्य कर्मचारी तैनात हैं. कोविड का प्रकोप लगभग खत्म हो गया है. आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं भी पहली अगस्त 2023 को समाप्त हो गई हैं.
कर्मचारियों ने सेवा विस्तार के लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से गुहार लगाई थी. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कर्मचारियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए दो माह का सेवा विस्तार देने का फैसला किया है. इससे पहले भी डिप्टी सीएम के निर्देश पर आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा विस्तार मिल चुका है. इस बाद अगस्त और सितंबर माह तक सेवा विस्तार दिया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों का अहित नहीं होने दिया जाएगा. सरकार कोविड के दौरान आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों के भविष्य को लेकर फिक्रमंद है. उनकी सेवाओं को ध्यान में रख कर सरकार आगे कोई कदम उठाएगी.
डॉक्टर दीपा त्यागी अब डीजी हेल्थ : डाॅ. दीपा त्यागी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक बनाया गया. अभी तक वह महानिदेशक प्रशिक्षण के पद पर कार्यरत थी. डा. बृजेश राठौर को महा निदेशक प्रशिक्षण बनाया गया है. UP में मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सुधीर कुमार शर्मा को वन विभागाध्यक्ष का अतिरिक्त चार्ज दिया गया.
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