लखनऊ : मरीजों को उच्च श्रेणी की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना शासन की श्रेष्ठ प्राथमिकता है. मरीजों को लेकर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध हैं. चिकित्सक बाहर की दवाएं कतई न लिखें. यह निर्देश गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एनेक्सी भवन में सभी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुख की आहूत बैठक में दिए.
डिप्टी सीएम ने कहा कि 'अस्पतालों की समस्याओं और कमियों को निदेशक-सीएमएस अपने स्तर से जिम्मेदारी लेकर दूर करें. सभी अस्पताल एक-दूसरे से समन्वय बनाए रखें. यदि कोई सामान्य कमी हो तो दूसरे अस्पताल की सहायता लेकर उसे दूर करें. जो दवाएं जिलों के ड्रग वेयर हाउस में उपलब्ध हैं, उन्हें मरीजों को उपलब्ध कराया जाए. रोगी कल्याण निधि की राशि मरीजों के हित में प्रयोग की जाए. हर महीने अस्पताल के प्रमुख अपने संस्थान की क्रिटिकल परफॉर्मेंस का विश्लेषण करें. केयर एप में हर सोमवार उपकरणों की क्रियाशीलता का डाटा उपलब्ध कराएं. उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों के लिए वेंटीलेटर-आईसीयू की व्यवस्था के लिए सभी चिकित्सा संस्थान आपस में समन्वय स्थापित करें. बैठक में चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा शामिल रहे.
बोर्ड पर दर्ज करें दवाओं की उपलब्धता : डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की जानकारी साइन बोर्ड पर दर्ज की जाए. साइन बोर्ड को समय-समय पर अपडेट किया जाए. सभी चिकित्सक अपने पर्चे पर दवाओं का जेनरिक नाम ही लिखें. अस्पतालों में नियमित साफ-सफाई और उनका नियमित रूप से पर्यवेक्षण करें. अस्पताल में रख-रखाव, मरम्मत, रंगाई-पुताई प्राथमिकता से की जाए.'
भोजन की गुणवत्ता की हो नियमित जांच : उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आपातकालीन वार्ड में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ की पर्याप्त ड्यूटी लगाई जाए. मरीजों के लिए एंबुलेंस, व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, आवश्यक दवाइयां, उपकरणों, पंखा-कूलर की व्यवस्था सुनिश्चित करें. आईपीडी वार्ड में जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उनकी गुणवत्ता की नियमित जांच हो.
समय पर एम्बुलेंस न मिलने के मामले की होगी जांच : एम्बुलेंस सेवा की लापरवाही एक बार फिर से उजागर हुई है. एटा में प्रसव पीड़ा से पीड़ित गर्भवती के परिवारीजन मुफ्त एम्बुलेंस के लिए फोन मिलाते रहे. कई बार फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं आई. इस मामले को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.
एटा स्थित इब्राहितपुर नगरिया निवासी सोनी को प्रसव पीड़ा हुई. पति शिवम ने एम्बुलेंस के लिए 102 नम्बर डायल किया. शिवम का आरोप है कि '15 बार फोन करने के बावजूद एम्बुलेंस नहीं आई. मजबूरन टेंपो से गर्भवती को लेकर अस्पताल पहुंचे. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने समय पर एम्बुलेंस न पहुंचने के प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं. सीएमओ को चार दिन के भीतर जांच पूरी करनी होगी. दोषियों को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि यदि आवश्यकता होगी तो शासन स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी.'
अस्पताल का पंजीकरण रद्द होगा : हरदोई के सांडी रोड स्थित मेडीस्टार हॉस्पिटल प्रसूता व नवजात शिशु की मृत्यु के मामले में अस्पताल पर गाज गिरनी तय है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अस्पताल का पंजीकरण रद्द करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. सीएमओ को पूरे प्रकरण की सिलसिलेवार जांच करने के लिए कहा है. तीन दिन में जांच रिपोर्ट डिप्टी सीएम ने तलब की है. उधर, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने डलमऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों से अभद्र व्यवहार किए जाने व चिकित्सक के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. साथ ही बाहर की दवाई लिखे जाने के मामले की भी जांच के आदेश दिए हैं. रायबरेली सीएमओ को इस मामले की जांच कर तुरंत कार्रवाई करने की हिदायत दी है.