लखनऊ: प्रदेश की उच्च शिक्षा का पिछले साढ़े तीन सालों में स्वरूप बदल गया है. खासकर शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों में तेजी से काम हो रहा है. लोकभवन में आयोजित प्रेसवार्ता में उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश को जल्द ही 28 नए निजी विश्वविद्यालय मिलेंगे. साथ ही प्रदेश में 51 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है. इसके अलावा इंडस्ट्री, कौशल विकास जैसी विधाओं में भी विश्वविद्यालय देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए बनाई गई 16 सदस्यीय कमेटी तेजी से काम कर रही है. हर महीने कमेटी के साथ समीक्षा बैठक भी की जाती है.
'कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आई'
उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई बेहतरीन विकल्प के रूप में सामने आई है. कोरोना काल खंड के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपेक्षा के अनुसार प्रदेश में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्र-छात्राओं उत्कृष्ट श्रेणी की पाठ्य सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी का लोकापर्ण किया गया. इसमें 23 विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों और 1,700 शिक्षाविदों और तकनीकी विशेषज्ञों के योगदान से 73,468 से अधिक ई-कंटेंट पोर्टल पर छात्रों को निशुल्क उपलब्ध कराया गया है. डिजिटल लाइब्रेरी में हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में 134 विषयों के एक लाख ई-कंटेंट मौजूद हैं. डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालयों के मध्य प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनाने के लिए 28 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आशय पत्र निर्गत किए जा चुके हैं. डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि छात्रों की वार्षिक परीक्षाएं मार्च और अप्रैल में कराए जाने पर विचार किया जा रहा है.
आईआईटी खड़गपुर ने पार्टनरशिप का भेजा प्रस्ताव
डॉ दिनेश शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की डिजिटल लाइब्रेरी की कामयाबी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आईआईटी खड़गपुर की नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया ने प्रदेश सरकार को पार्टनरशिप का प्रस्ताव भेजा है. उन्होंने कहा कि देश भर के छात्रों को उत्कृष्ट शैक्षिक पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा की डिजिटल लाइब्रेरी और नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया आईआईटी खड़गपुर के मध्य पार्टनरशिप हेतु उच्च शिक्षा विभाग को सहमति दे दी गई है.
नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के कार्यों में तेजी
उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि आजमगढ़, सहारनपुर, अलीगढ़ में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के बाद प्रदेश विकास की नई बुलंदियों को छुएगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की स्थापना के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. इसमें राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ की स्थापना के लिए 27.282 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हो चुकी है. निर्माण कार्य मद में 2000 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा 1,000 लाख रुपये की धनराशि निर्माण कार्य के लिए डॉ भीम राव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा को प्रदान की गई है. वहीं, सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कृषकों की 17.598 हेक्टेयर जमीन क्रय करने के लिए 19 करोड़ 22 लाख रुपये से अधिक की धनराशि निर्गत की जा चुकी है.
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा सहारनपुर राज्य विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा चुकी है. वहीं, आजमगढ़ राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आयुक्त आजमगढ मण्डल ने 38 एकड़ सरकारी भूमि आवंटित की है. विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित स्थल तक पहुंचने के लिए 4.7330 हेक्टेयर (11.70 एकड़) भूमि कृषकों से सर्किल रेट के चार गुना दर पर क्रय की गयी है. कृषकों की भूमि क्रय के लिए 19 करोड़ 13 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है.
कपिलवस्तु में इंटरनेशनल सेंटर फॉर हिन्दुइज्म, बुद्धिज्म और जैनिज्म की स्थापना
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि सिद्धार्थनगर के कपिलवस्तु में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट सेंटर एवं सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन हिन्दुइज्म, बुद्धिइज्म एवं जैनिज्म की स्थापना की जा रही है. इससे हिन्दुइज्म में शोध को बढ़ावा मिलेगा. सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल बौद्धिस्ट सेंटर के लिए 21 शैक्षणिक एवं 24 शिक्षणेत्तर पदों का सृजन किया गया है. इसके अलावा डीएवी कॉलेज, कानपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना, वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय में प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया इंस्टीटयूट ऑफ फिजिकल साइंस ऑफ स्टडी एंड रिसर्च और सेंटर फॉर रिन्यूबेल एनर्जी एंड नैनो टेक्नोलॉजी की स्थापना की गई है. गोरखपुर विश्वविद्यालय में महायोगी गुरू गोरक्षनाथ शोध पीठ की स्थापना की गई है.
भाषा, लोक कला व लोक विद्या के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भारतीय भाषाओं, लोक कला व लोक विद्याओं को बढ़ाने का काम भी किया जा रहा है. इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना किए जाने का शासनादेश निर्गत किया जा चुका है. डॉ शर्मा ने कहा कि नए सत्र से एमफिल का कोर्स संचालित नहीं किया जाएगा. 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई लर्निंग पार्क की स्थापना की जा रही है.
'शोध के प्रोत्साहन के लिए शुरू की स्कीम'
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षकों को शोध और अनुसंधान के प्रोत्साहित करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पॉलिसी बनाई गई है. इसमें मेजर प्रोजेक्ट के लिए 15 और माइनर प्रोजेक्ट के लिए 5 लाख रुपये ग्रांट दी जाएगी. यह ग्रांट विश्वविद्यालयों के साथ महाविद्यालयों के शिक्षकों को भी दी जाएगी.
'प्री-लोडेड डिजिटल डिवाइस पिछड़े गांवों में आसान करेगी पढ़ाई की राह'
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश के आकांक्षी और अन्य जनपदों से पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा देने के लिए राजकीय महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को प्री ई-कंटेंट लोडेड डिजिटल डिवाइस उपल्ब्ध कराई जाएगी. इसमें पहले फतेहपुर, चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर एवं बलरामपुर के 18 राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्री-लोडेड डिवाइस उपलब्ध कराए जाने की योजना है. इससे दूरस्थ अंचलों के छात्र भी इंटरनेट पर उपलब्ध शिक्षण सामग्री आसानी से एक्सेस कर सकेंगे. छात्र डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ भी प्री-लोडेड टैबलेट से ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि शोध के मुताबिक इन टैबलेट्स से छात्रों की स्किल बढ़ती है और वह आत्मनिर्भर बन सकेंगे. छात्र वीडियों, फोटोग्राफ्स, वाइस रिकॉर्डिंग एवं टेस्ट लिटरेचर आसानी से टैबलेट्स में सुरक्षित रख सकते हैं.