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संचारी रोग विभाग के निदेशक ने कहा, 90 फीसदी लोग वायरल बुखार से पीड़ित - स्वास्थ्य विभाग

सरकारी अस्पतालों में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इनमें वायरल बुखार से 90 फ़ीसदी लोग परेशान हैं. अस्पतालों में बढ़ते मरीजों को देखते हुए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक भी सरकारी अस्पतालों का मुआयना कर चुके हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों से न घबराने की बात कह रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है.

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Published : Nov 7, 2022, 11:56 AM IST

Updated : Nov 7, 2022, 1:07 PM IST

लखनऊ : सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इनमें 90 फ़ीसदी लोग वायरल बुखार से परेशान हैं. अस्पतालों में बढ़ते मरीजों को देखते हुए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) भी सरकारी अस्पतालों का मुआयना कर चुके हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों से न घबराने की बात कह रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है.



संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ एके सिंह (Dr AK Singh, Director, Department of Communicable Diseases) ने बताया कि संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही है. हम पिछले साल की बात करें तो अक्टूबर में करीब 2,800 से अधिक मरीज डेंगू, बुखार, मलेरिया और टाइफायड से पीड़ित थे. इस बार हमारी रणनीति काम आई है. हमने छह महीने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. हर साल शहर के फैजुल्लागंज क्षेत्र में डेंगू के मरीज बड़ी संख्या में मिलते थे. इसके कारण वहां पर मजबूरी में लोग पलायन करने को मजबूर होते थे. इस बार अक्टूबर में सिर्फ 278 मरीज थे जबकि इनमें से एक्टिव केस 100 से भी कम थे. पिछले साल 2021 अक्टूबर में मरीजों की संख्या 2800 थी.

जानकारी देते संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ एके सिंह.

डॉ एके सिंह (Dr AK Singh) के अनुसार 5 नवंबर 2021 में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 24,960 थी. इस साल नवंबर में 8,296 मरीजों की संख्या है. अक्टूबर में चले दस्तक अभियान के कारण हमारे शहर को बहुत फायदा हुआ है. दरअसल डेंगू मलेरिया के मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं. अगर कूलर में पिछले साल साफ पानी भी है तो मच्छर के अंडे फिर से एक्टिव हो जाएंगे. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंच कर लोगों को कूलर साफ करने, घर के आसपास सफाई रखने, गंदा पानी जमा न होने दें. रैपिड रिस्पांस टीम की मदद से घर घर चिकित्सा सुविधा पुहंचाई गई.

यह भी पढ़ें : डेंगू से निपटने को नगर विकास मंत्री ने संभाला मोर्चा, अफसरों कर्मचारियों की छुट्टियां रद, दिए सख्त निर्देश

शहर में डेंगू व वायरल फ्लू समेत अन्य संक्रामक बीमारियों के बढ़ते मामलों (rising cases of infectious diseases) ने स्वास्थ्य विभाग (health Department) की चिंता को बढ़ा दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर व कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं. केवल इमरजेंसी की स्थिति में अवकाश दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 15 दिन डेंगू के लिहाज से बेहद अहम है. इसे लेकर सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं. राजधानी में हर रोज करीब 30 से अधिक डेंगू मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर स्वाइन फ्लू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है. ऐसे में मलेरिया यूनिट व सीएमओ के अधीन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं.

यह भी पढ़ें : नकुल दुबे ने कहा, सपने बेचने वाली सरकार को उखाड़ फेकें, रायबरेली में चल रही यात्रा संपन्न

लखनऊ : सरकारी अस्पतालों (government hospitals) में जोड़ों के दर्द से परेशान मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं. इनमें 90 फ़ीसदी लोग वायरल बुखार से परेशान हैं. अस्पतालों में बढ़ते मरीजों को देखते हुए डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Deputy CM and Health Minister Brijesh Pathak) भी सरकारी अस्पतालों का मुआयना कर चुके हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लोगों से न घबराने की बात कह रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में इस बार संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या चार गुना कम है.



संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ एके सिंह (Dr AK Singh, Director, Department of Communicable Diseases) ने बताया कि संचारी रोग से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही है. हम पिछले साल की बात करें तो अक्टूबर में करीब 2,800 से अधिक मरीज डेंगू, बुखार, मलेरिया और टाइफायड से पीड़ित थे. इस बार हमारी रणनीति काम आई है. हमने छह महीने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. हर साल शहर के फैजुल्लागंज क्षेत्र में डेंगू के मरीज बड़ी संख्या में मिलते थे. इसके कारण वहां पर मजबूरी में लोग पलायन करने को मजबूर होते थे. इस बार अक्टूबर में सिर्फ 278 मरीज थे जबकि इनमें से एक्टिव केस 100 से भी कम थे. पिछले साल 2021 अक्टूबर में मरीजों की संख्या 2800 थी.

जानकारी देते संचारी रोग विभाग के निदेशक डॉ एके सिंह.

डॉ एके सिंह (Dr AK Singh) के अनुसार 5 नवंबर 2021 में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या 24,960 थी. इस साल नवंबर में 8,296 मरीजों की संख्या है. अक्टूबर में चले दस्तक अभियान के कारण हमारे शहर को बहुत फायदा हुआ है. दरअसल डेंगू मलेरिया के मच्छर साफ पानी में अंडे देते हैं. अगर कूलर में पिछले साल साफ पानी भी है तो मच्छर के अंडे फिर से एक्टिव हो जाएंगे. इसलिए स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर पहुंच कर लोगों को कूलर साफ करने, घर के आसपास सफाई रखने, गंदा पानी जमा न होने दें. रैपिड रिस्पांस टीम की मदद से घर घर चिकित्सा सुविधा पुहंचाई गई.

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शहर में डेंगू व वायरल फ्लू समेत अन्य संक्रामक बीमारियों के बढ़ते मामलों (rising cases of infectious diseases) ने स्वास्थ्य विभाग (health Department) की चिंता को बढ़ा दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर व कर्मचारियों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं. केवल इमरजेंसी की स्थिति में अवकाश दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगले 15 दिन डेंगू के लिहाज से बेहद अहम है. इसे लेकर सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं. राजधानी में हर रोज करीब 30 से अधिक डेंगू मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर स्वाइन फ्लू के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं. इन पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है. ऐसे में मलेरिया यूनिट व सीएमओ के अधीन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है. सीएमओ डॉ. मनोज के मुताबिक सभी के अवकाश निरस्त किए गए हैं.

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Last Updated : Nov 7, 2022, 1:07 PM IST
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