लखनऊ : तमाम प्रयासों के बाद भी डेंगू का प्रभाव कम नहीं हो रहा है. बीते वर्ष की अपेक्षा तीन गुना ज्यादा डेंगू मरीज मिल रहें हैं. कई जिलों में अस्पताल बुखार के मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं. राजधानी समेत करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिले अतिसंवेदनशील हैं, जिनमें मरीजों की बढ़ती संख्या ने शासन प्रशासन की नींद उड़ा रखी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश के बाद डेंगू रोकथाम में सफलता हासिल नहीं हो रही है. यहां तक कि सीएम सभी विभागों के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर डेंगू व मलेरिया की रोकथाम के निर्देश दे चुके हैं. बावजूद इसके डेंगू की रोकथाम के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.
इस साल 15 मई से 18 अक्टूबर शुक्रवार तक डेंगू के करीब 14 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. जबकि पिछले साल यह संख्या मात्र 5361 थी. इसी प्रकार चिकुनगुनिया के 660 मरीज मिल चुके हैं, गत वर्ष इनकी संख्या मात्र 51 थी. यही हाल मलेरिया का है, बीते वर्ष चार हजार मरीजों के सापेक्ष अबतक छह हजार से ज्यादा रोगियों में पुष्टि हो चुकी है. मरीजों की संख्या के मामले में सबसे ज्यादा राजधानी करीब 1200 मरीजों के साथ अतिसंवेदनशील बना हुआ है.
इसके बाद मुदाराबाद में 11 सौ मरीज मिले हैं, जहां पिछले साल केवल 46 रोगी मिले थे. कानपुर बीते वर्ष के 78 मरीजों के सापेक्ष 980 मरीज मिल चुके हैं. गौतमबुद्ध नगर में 940 मिल चुके हैं. मेरठ में 114 मरीज, गाजियाबाद में 825, कन्नौज में 330 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं. मुजफ्फरनगर में 300 से ज्यादा, वाराणसी में लगभग 250 मरीज, रामपुर में 500 से ज्यादा, बुलंदशहर में 280, फिरोजाबाद में 350, अलीगढ़ पांच सौ से ज्यादा, बरेली में साढ़े छह सौ मरीज मिल चुके हैं. इसी तरह मिर्जापुर व बलिया में भी डेंगू मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है.
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