ETV Bharat / state

कटेहरी उपचुनाव; अब तक सिर्फ एक बार राम लहर में जीत पाई भाजपा, ब्राह्मण-कुर्मी बाहुल्य सीट पर अति पिछड़ा कार्ड कितना असरदार?

UP ASSEMBLY BYELECTIONS: ब्राह्मण-कुर्मी बाहुल्य कटेहरी सीट पर भाजपा ने बसपा से आए धर्मराज निषाद को मैदान में उतारा है. सपा ने शोभावती वर्मा और बसपा ने अमित वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. 20 नवंबर को वोटिंग होनी है और नतीजे 23 को आएंगे.

Etv Bharat
सिर्फ एक बार राम लहर में जीती भाजपा. (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 27 minutes ago

अंबेडकरनगर: कटेहरी विधानसभा सीट उपचुनाव को लेकर सियासत गर्म है. सपा-बसपा और भाजपा तीनों ही दल कटेहरी सीट पर कब्जा करने के लिए आतुर हैं. नेता कटेहरी की सियासत को साधने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. कटेहरी की सियासत को साधने के लिए तो कई मुद्दे हैं. लेकिन, इस चुनाव में कटेहरी के भविष्य की सियासत साधने में उलझ गई है.

कटेहरी सीट पर कमल खिले हुए तीन दशक से अधिक का समय बीत गया है. 1991 में भाजपा के अनिल तिवारी को इस सीट पर जीत मिली थी. तब से बीजेपी इस सीट पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली. चार बार इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा है. धर्मराज निषाद इस सीट पर तीन बार बसपा से विधायक रह चुके हैं.

कटेहरी उपचुनाव के प्रमुख प्रत्याशी

  • भाजपा - धर्मराज निषाद
  • सपा - शोभावती वर्मा
  • बसपा - अमित वर्मा

विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा को जीत मिली. इसके बाद 2017 में एक बार फिर बसपा ने इस सीट पर कब्जा कर लिया और लालजी वर्मा विधायक बने. 2022 के चुनाव में लालजी वर्मा सपा से चुनाव लडे़ और जीत हासिल की. लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद अब यह सीट रिक्त हुई है. इस सीट पर दलित, ब्राह्मण, कुर्मी और यादव वोटों की बहुलता है.

लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के हाथों मिली करारी हार के बाद बीजेपी उपचुनाव में अति पिछड़ा कार्ड खेल कर कटेहरी को फतह करने की फिराक में है. लेकिन, बीजेपी की यही चाल अब उसके लिए मुसीबत बनती हुई नजर आ रही है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में जिस तरीके से चर्चा है, उससे तो यह जाहिर हो रहा है कि बीजेपी के लिए कटेहरी की राह आसान नहीं होगी.

आंकड़ों में कटेहरी विधानसभा सीट

  • प्रत्याशियों की संख्या - 11
  • महिला प्रत्याशी - 1
  • निर्दल - 7

  • मतदान केंद्र - 425
  • मतदाता - 4,00,541
  • पुरुष मतदाता - 2, 10, 568
  • महिला मतदाता 1,90,306
  • थर्ड जेंडर - 7,667
  • युवा मतदाता - 3,381

सपा ने पहले से ही PDA का नारा बुलंद किया है. बसपा ने भी पिछड़ों पर जोर लगाया है और अब भाजपा ने भी अति पिछड़े जाति के नेता को प्रत्याशी बनाया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी का यह दांव काम कर सकता है बशर्ते पार्टी अपने कोर वोटर्स खासकर अगड़ी जातियों को साधे रखे.

अन्यथा उसके लिए उल्टा पड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि यदि इस बार बीजेपी चुनाव जीत गई तो 2027 में भी किसी पिछड़े या अति पिछड़े जाति के नेता को टिकट मिलेगा. ऐसे में ब्राह्मण जाति के नेता क्या करेंगे? कटेहरी ब्राह्मण बाहुल्य है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि ब्राह्मणों में अपने भविष्य के सियासत की चिंता दिखाई दी और वे अपनी सियासत बचाने पर आ गए तो बीजेपी की राह कठिन हो सकती है.

यदि भाजपा का कोर वोट ही अपनी सियासत बचाने को लेकर परेशान है तो फिर डगर आसान नहीं होगी. बिखराव सपा और बसपा के वोटों में भी है, अगर इसका लाभ बीजेपी उठा लेती है तो उसे माइलेज मिल सकता है. उपचुनाव को लेकर अंबेडकरनगर की इस सीट सहित यूपी की सभी 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 23 को आएंगे.

ये भी पढ़ेंः यूपी उपचुनाव: यूपी के इन नौ जिलों में 20 नवंबर को रहेगी छुट्टी, ये है वजह

ये भी पढ़ेंः मीरापुर उपचुनाव; 2 साल में बदल गए दोस्त-दुश्मन, क्या सियासी प्रतिष्ठा बचा पाएंगे भाजपा-रालोद?

ये भी पढ़ेंः रोते हुए सीसामऊ से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने किया नामांकन, फूलपुर से मुज्तबा ने पेश की उम्मीदवारी

अंबेडकरनगर: कटेहरी विधानसभा सीट उपचुनाव को लेकर सियासत गर्म है. सपा-बसपा और भाजपा तीनों ही दल कटेहरी सीट पर कब्जा करने के लिए आतुर हैं. नेता कटेहरी की सियासत को साधने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. कटेहरी की सियासत को साधने के लिए तो कई मुद्दे हैं. लेकिन, इस चुनाव में कटेहरी के भविष्य की सियासत साधने में उलझ गई है.

कटेहरी सीट पर कमल खिले हुए तीन दशक से अधिक का समय बीत गया है. 1991 में भाजपा के अनिल तिवारी को इस सीट पर जीत मिली थी. तब से बीजेपी इस सीट पर कब्जा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली. चार बार इस सीट पर बसपा का कब्जा रहा है. धर्मराज निषाद इस सीट पर तीन बार बसपा से विधायक रह चुके हैं.

कटेहरी उपचुनाव के प्रमुख प्रत्याशी

  • भाजपा - धर्मराज निषाद
  • सपा - शोभावती वर्मा
  • बसपा - अमित वर्मा

विधानसभा चुनाव 2012 में इस सीट पर सपा को जीत मिली. इसके बाद 2017 में एक बार फिर बसपा ने इस सीट पर कब्जा कर लिया और लालजी वर्मा विधायक बने. 2022 के चुनाव में लालजी वर्मा सपा से चुनाव लडे़ और जीत हासिल की. लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद अब यह सीट रिक्त हुई है. इस सीट पर दलित, ब्राह्मण, कुर्मी और यादव वोटों की बहुलता है.

लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के हाथों मिली करारी हार के बाद बीजेपी उपचुनाव में अति पिछड़ा कार्ड खेल कर कटेहरी को फतह करने की फिराक में है. लेकिन, बीजेपी की यही चाल अब उसके लिए मुसीबत बनती हुई नजर आ रही है. सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में जिस तरीके से चर्चा है, उससे तो यह जाहिर हो रहा है कि बीजेपी के लिए कटेहरी की राह आसान नहीं होगी.

आंकड़ों में कटेहरी विधानसभा सीट

  • प्रत्याशियों की संख्या - 11
  • महिला प्रत्याशी - 1
  • निर्दल - 7

  • मतदान केंद्र - 425
  • मतदाता - 4,00,541
  • पुरुष मतदाता - 2, 10, 568
  • महिला मतदाता 1,90,306
  • थर्ड जेंडर - 7,667
  • युवा मतदाता - 3,381

सपा ने पहले से ही PDA का नारा बुलंद किया है. बसपा ने भी पिछड़ों पर जोर लगाया है और अब भाजपा ने भी अति पिछड़े जाति के नेता को प्रत्याशी बनाया है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी का यह दांव काम कर सकता है बशर्ते पार्टी अपने कोर वोटर्स खासकर अगड़ी जातियों को साधे रखे.

अन्यथा उसके लिए उल्टा पड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि यदि इस बार बीजेपी चुनाव जीत गई तो 2027 में भी किसी पिछड़े या अति पिछड़े जाति के नेता को टिकट मिलेगा. ऐसे में ब्राह्मण जाति के नेता क्या करेंगे? कटेहरी ब्राह्मण बाहुल्य है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि ब्राह्मणों में अपने भविष्य के सियासत की चिंता दिखाई दी और वे अपनी सियासत बचाने पर आ गए तो बीजेपी की राह कठिन हो सकती है.

यदि भाजपा का कोर वोट ही अपनी सियासत बचाने को लेकर परेशान है तो फिर डगर आसान नहीं होगी. बिखराव सपा और बसपा के वोटों में भी है, अगर इसका लाभ बीजेपी उठा लेती है तो उसे माइलेज मिल सकता है. उपचुनाव को लेकर अंबेडकरनगर की इस सीट सहित यूपी की सभी 9 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और नतीजे 23 को आएंगे.

ये भी पढ़ेंः यूपी उपचुनाव: यूपी के इन नौ जिलों में 20 नवंबर को रहेगी छुट्टी, ये है वजह

ये भी पढ़ेंः मीरापुर उपचुनाव; 2 साल में बदल गए दोस्त-दुश्मन, क्या सियासी प्रतिष्ठा बचा पाएंगे भाजपा-रालोद?

ये भी पढ़ेंः रोते हुए सीसामऊ से सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी ने किया नामांकन, फूलपुर से मुज्तबा ने पेश की उम्मीदवारी

Last Updated : 27 minutes ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.