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AC अनुबंधित बसों के संचालन पर बोले परिवहन मंत्री, जल्द होगा समस्याओं का समाधान

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Published : Jan 6, 2021, 2:59 AM IST

परिवहन निगम मुख्यालय पर पहुंचे परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से बस मालिकों ने मुलाकात कर वातानुकूलित बसों का संचालन शुरू कराने का अनुरोध किया. परिवहन मंत्री ने जल्द ही वातानुकूलित बसों के संचालन का भरोसा दिया है. साथ ही कर्मचारियों की सभी तरह की समस्याओं का समाधान करने की बात कही है.

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परिवहन मंत्री अशोक कटारिया.

लखनऊ: कोविड के बाद अनलॉक के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने रोडवेज बसों का संचालन शुरू कर दिया, लेकिन नौ माह बीत जाने के बाद भी वातानुकूलित अनुबंधित बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. इससे प्राइवेट बस ऑपरेटरों को काफी समस्या उठानी पड़ रही है. स्कैनिया जैसी महंगी बसें सड़क पर न चल कर बस मालिकों के गैराज में खड़ी हुई हैं. इससे उन्हें काफी घाटा हो रहा है. सोमवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर पहुंचे परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से बस मालिकों ने मुलाकात कर बसों का संचालन शुरू कराने का अनुरोध किया. परिवहन मंत्री ने जल्द ही वातानुकूलित बसों के संचालन का भरोसा दिया है.

वातानुकूलित बसों के संचालन की मांग.
महीनों से खड़ी हैं स्कैनियास्कैनिया और वॉल्वो जैसी बसें 50 लाख से लेकर सवा करोड़ रुपये कीमत तक की आती हैं. परिवहन निगम में एसी बसें अनुबंध पर संचालित होती हैं. बस स्वामी महंगी बस लेकर अनुबंध पर लगाते हैं, लेकिन अब उन पर अनुबंध भारी पड़ रहा है. वजह है कि कोविड-19 में महंगी बसें सड़क पर चलने के बजाय बस मालिकों के घर के बाहर खड़ी हुई हैं. अभी तक स्कैनिया बसों के संचालन को रोडवेज प्रशासन ने हरी झंडी नहीं दी है, जिससे प्राइवेट बस ऑपरेटर काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि कई बार रोडवेज के अधिकारियों से मुलाकात की गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला.छीना जा रहा है रोजगारप्राइवेट बस स्वामी अजीत सिंह बताते हैं कि परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से मिलकर वातानुकूलित बसों का संचालन फिर से शुरू कराने को लेकर अनुरोध किया है. उन्होंने जल्द वातानुकूलित बसें चलाए जाने का आश्वासन दिया है. बस स्वामी अजीत सिंह का यह भी कहना है कि एक तरफ सरकार इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कर बस स्वामियों को बस लगाने के लिए आमंत्रण देती है, वहीं दूसरी तरफ पांच साल भी सरकार के पूरे नहीं होते और इससे पहले ही बसें संचालित होने के बजाय खड़ी करा दी जाती हैं. प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं और जो आत्मनिर्भर हैं, उसका रोजगार छीना जा रहा है. इसी को लेकर परिवहन मंत्री से मुलाकात की है.कर्मचारियों ने की डीए दिलाने की मांगरोडवेज कर्मचारियों का डीए काफी दिन से नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें भी दिक्कतें हो रही हैं. परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से मिलकर कर्मचारियों ने डीए का भुगतान कराने का अनुरोध किया है. परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि कर्मचारियों की सभी तरह की समस्याओं का समाधान करने पर सरकार गंभीर है. उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा. हमारा पहला लक्ष्य यात्रियों को बेहतर परिवहन सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना है, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. जहां तक वातानुकूलित बसों के संचालन की बात है तो इस पर भी चर्चा हो गई है. शीघ्र ही अनुबंधित स्कैनिया बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा.

लखनऊ: कोविड के बाद अनलॉक के दौरान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने रोडवेज बसों का संचालन शुरू कर दिया, लेकिन नौ माह बीत जाने के बाद भी वातानुकूलित अनुबंधित बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया है. इससे प्राइवेट बस ऑपरेटरों को काफी समस्या उठानी पड़ रही है. स्कैनिया जैसी महंगी बसें सड़क पर न चल कर बस मालिकों के गैराज में खड़ी हुई हैं. इससे उन्हें काफी घाटा हो रहा है. सोमवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर पहुंचे परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से बस मालिकों ने मुलाकात कर बसों का संचालन शुरू कराने का अनुरोध किया. परिवहन मंत्री ने जल्द ही वातानुकूलित बसों के संचालन का भरोसा दिया है.

वातानुकूलित बसों के संचालन की मांग.
महीनों से खड़ी हैं स्कैनियास्कैनिया और वॉल्वो जैसी बसें 50 लाख से लेकर सवा करोड़ रुपये कीमत तक की आती हैं. परिवहन निगम में एसी बसें अनुबंध पर संचालित होती हैं. बस स्वामी महंगी बस लेकर अनुबंध पर लगाते हैं, लेकिन अब उन पर अनुबंध भारी पड़ रहा है. वजह है कि कोविड-19 में महंगी बसें सड़क पर चलने के बजाय बस मालिकों के घर के बाहर खड़ी हुई हैं. अभी तक स्कैनिया बसों के संचालन को रोडवेज प्रशासन ने हरी झंडी नहीं दी है, जिससे प्राइवेट बस ऑपरेटर काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि कई बार रोडवेज के अधिकारियों से मुलाकात की गई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला.छीना जा रहा है रोजगारप्राइवेट बस स्वामी अजीत सिंह बताते हैं कि परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से मिलकर वातानुकूलित बसों का संचालन फिर से शुरू कराने को लेकर अनुरोध किया है. उन्होंने जल्द वातानुकूलित बसें चलाए जाने का आश्वासन दिया है. बस स्वामी अजीत सिंह का यह भी कहना है कि एक तरफ सरकार इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन कर बस स्वामियों को बस लगाने के लिए आमंत्रण देती है, वहीं दूसरी तरफ पांच साल भी सरकार के पूरे नहीं होते और इससे पहले ही बसें संचालित होने के बजाय खड़ी करा दी जाती हैं. प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं और जो आत्मनिर्भर हैं, उसका रोजगार छीना जा रहा है. इसी को लेकर परिवहन मंत्री से मुलाकात की है.कर्मचारियों ने की डीए दिलाने की मांगरोडवेज कर्मचारियों का डीए काफी दिन से नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते उन्हें भी दिक्कतें हो रही हैं. परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से मिलकर कर्मचारियों ने डीए का भुगतान कराने का अनुरोध किया है. परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा कि कर्मचारियों की सभी तरह की समस्याओं का समाधान करने पर सरकार गंभीर है. उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा. हमारा पहला लक्ष्य यात्रियों को बेहतर परिवहन सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना है, इसके लिए हम प्रयासरत हैं. जहां तक वातानुकूलित बसों के संचालन की बात है तो इस पर भी चर्चा हो गई है. शीघ्र ही अनुबंधित स्कैनिया बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा.
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