ETV Bharat / state

धर्मातरण मामले में निरुद्ध अभियुक्तों के खिलाफ धारा 121 ए और 123 बढ़ाने की मांग

यूपी में अवैध धर्मांतरण मामले में जेल में बंद अभियुक्तों के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध की साजिश रचने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालो की मदद करने के आरोप में धारा बढ़ाने की मांग एटीएस की चरफ से की गई है. इस मामले में एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक मोहन प्रसाद वर्मा की ओर से दाखिल एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अभियुक्तों को जेल से लाकर तलब करने का आदेश दिया है.

धर्मातरण मामला
धर्मातरण मामला
author img

By

Published : Aug 31, 2021, 10:49 PM IST

लखनऊ: अवैध धर्मांतरण के मामले में बंद अभियुक्त मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, भूप्रिय विंदो उर्फ अर्सलान, कौसर आलम और डॉ. फराज बाबूल्लाह शाह को जेल से लाकर 1 सितंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने दिया है. कोर्ट ने यह आदेश एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक मोहन प्रसाद वर्मा की ओर से दाखिल एक अर्जी पर दिया है. इस अर्जी में अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 121 ए (देश के खिलाफ युद्ध छेडने की साजिश) और धारा 123 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालो की मदद करने) की बढ़ोत्तरी करने की मांग की गई है.

एटीएस के प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस वृहद आपराधिक षडयंत्र में सम्मिलित अभियुक्तों के गिरोह का कार्य मात्र धर्मांतरण तक सीमित नहीं था. बल्कि यह गिरोह धर्मांतरण के माध्यम से जनसंख्या संतुलन बदलकर विभिन्न धार्मिक वर्गो के बीच वैमनष्य पैदा कर देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. कहा गया है कि इस गिरोह का विशिष्ट उद्देश्य धर्म विशेष की जनसंख्या को बढ़ाकर संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत वर्तमान चुनी गई सरकार को हटाकर इस्लामिक राज्य स्थापित करना है. इस मामले की अब तक की विवेचना एवं साक्ष्य से इन अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए व 123 का अपराध का किया जाना पाया गया है. लिहाजा इन अभियुक्तों को जेल से तलब कर इनका रिमांड इन धाराओं में भी स्वीकृत किया जाए. बता दें कि 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस के उप निरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी.

लखनऊ: अवैध धर्मांतरण के मामले में बंद अभियुक्त मोहम्मद उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, प्रसाद रामेश्वर कांवरे, भूप्रिय विंदो उर्फ अर्सलान, कौसर आलम और डॉ. फराज बाबूल्लाह शाह को जेल से लाकर 1 सितंबर को कोर्ट में पेश करने का आदेश विशेष सीजेएम सुनील कुमार ने दिया है. कोर्ट ने यह आदेश एटीएस के पुलिस उपाधीक्षक मोहन प्रसाद वर्मा की ओर से दाखिल एक अर्जी पर दिया है. इस अर्जी में अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 121 ए (देश के खिलाफ युद्ध छेडने की साजिश) और धारा 123 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने वालो की मदद करने) की बढ़ोत्तरी करने की मांग की गई है.

एटीएस के प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस वृहद आपराधिक षडयंत्र में सम्मिलित अभियुक्तों के गिरोह का कार्य मात्र धर्मांतरण तक सीमित नहीं था. बल्कि यह गिरोह धर्मांतरण के माध्यम से जनसंख्या संतुलन बदलकर विभिन्न धार्मिक वर्गो के बीच वैमनष्य पैदा कर देश की एकता, अखंडता और सम्प्रभुता को चुनौती देने की तैयारी कर रहा है. कहा गया है कि इस गिरोह का विशिष्ट उद्देश्य धर्म विशेष की जनसंख्या को बढ़ाकर संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत वर्तमान चुनी गई सरकार को हटाकर इस्लामिक राज्य स्थापित करना है. इस मामले की अब तक की विवेचना एवं साक्ष्य से इन अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 121ए व 123 का अपराध का किया जाना पाया गया है. लिहाजा इन अभियुक्तों को जेल से तलब कर इनका रिमांड इन धाराओं में भी स्वीकृत किया जाए. बता दें कि 20 जून, 2021 को इस मामले की एफआईआर थाना एटीएस के उप निरीक्षक विनोद कुमार ने दर्ज कराई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.