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अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हवाले RTO कार्यालय - लखनऊ के आरटीओ रामफेर द्विवेदी

यूपी की राजधानी लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हवाले ड्राइविंग लाइसेंस का काम सौंपा गया है. वहीं, समय-समय पर सर्वर भी लगातार दगा रहा है. जिससे आम लोगों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है.

कार्यालय परिवहन आयुक्त.
कार्यालय परिवहन आयुक्त.
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Published : Mar 10, 2021, 12:03 PM IST

लखनऊ: ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हवाले ड्राइविंग लाइसेंस का काम सौंप दिया गया है. उस पर सर्वर भी लगातार दगा दे रहा है. इसका नतीजा यह है कि अब तक ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी तकरीबन 6,000 पहुंच गई है. लोगों के घर पर समय से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है. लाइसेंस अप्रूव नहीं होने के चलते दिन-प्रतिदिन पेंडेंसी बढ़ती ही जा रही है.

आवेदकों की सहूलियत के लिए परिवहन विभाग ने सभी काम ऑनलाइन कर दिए हैं. घर बैठे ही लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह सुविधा आवेदकों को जरूर मिली, लेकिन लाइसेंस का टेस्ट देने आरटीओ कार्यालय समय से जाने के बावजूद उनके ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं. इसकी एक अहम वजह है लगातार सर्वर डाउन होना.

सर्वर की समस्या तब से शुरू हुई है जबसे ड्राइविंग लाइसेंस का ऑफलाइन आवेदन पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ऑनलाइन आवेदन होने के बाद सर्वर पर इतना लोड पड़ा कि आए दिन सर्वर ठप होने और स्लो होने की समस्या बढ़ गई. एक तरफ तो सर्वर की मार और दूसरी तरफ अब आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस का काम अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हाथ सौंपे जाने से ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. आरटीओ के सूत्र बताते हैं कि यह संख्या तकरीबन 6,000 तक पहुंच चुकी है. समय पर अप्रूव न होने के चलते ड्राइविंग लाइसेंस भी समय से डिस्पैच नहीं हो पाएंगे. जिससे समय पर आवेदक के घर लाइसेंस पहुंच पाना असंभव है. ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजार कर रहे आवेदकों को अब और ज्यादा दिन तक इंतजार करना पड़ेगा.

इस तरह के डीएल की पेंडेंसी
पेंडेंसी वाले ड्राइविंग लाइसेंस में लर्निंग लाइसेंस, परमानेंट लाइसेंस, डुप्लीकेट लाइसेंस और रिनुअल लाइसेंस शामिल हैं. इस तरह के सभी लाइसेंस अनुमोदित नहीं होने के कारण समय से आवेदकों के घर नहीं पहुंच पाएंगे.

कम कर दिए गए स्लॉट
ड्राइविंग लाइसेंस के स्लॉट में परिवहन विभाग ने हाल ही में कमी कर दी है. पहले जहां आरटीओ कार्यालय में हर रोज 276 लाइसेंस जारी होते थे. वहीं अब इनकी संख्या घटाकर 180 कर दी गई है. इससे अब लाइसेंस की पेंडेंसी आने वाले दिनों में कम होगी. हालांकि अभी भी पहले से जिन आवेदकों ने आवेदन कर दिए थे उन्हीं की वजह से इतनी ज्यादा पेंडेंसी है.

लखनऊ के आरटीओ रामफेर द्विवेदी का कहना है कि 6,000 ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी की बात सही नहीं है. सर्वर की समस्या के चलते तकरीबन 900 लाइसेंस अप्रूव नहीं हो पाए हैं. जल्द ही सभी ड्राइविंग लाइसेंस अप्रूव किए जाएंगे. अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हाथों में डीएल का काम दिए जाने की बात भी सही नहीं है.

इसे भी पढे़ं- ATM की खराबी ने बढ़ाईं उपभोक्ताओं की मुश्किलें, जानिए लोगों की राय

लखनऊ: ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हवाले ड्राइविंग लाइसेंस का काम सौंप दिया गया है. उस पर सर्वर भी लगातार दगा दे रहा है. इसका नतीजा यह है कि अब तक ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी तकरीबन 6,000 पहुंच गई है. लोगों के घर पर समय से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं पहुंच पा रहे हैं. इससे लोगों की परेशानी भी बढ़ रही है. लाइसेंस अप्रूव नहीं होने के चलते दिन-प्रतिदिन पेंडेंसी बढ़ती ही जा रही है.

आवेदकों की सहूलियत के लिए परिवहन विभाग ने सभी काम ऑनलाइन कर दिए हैं. घर बैठे ही लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह सुविधा आवेदकों को जरूर मिली, लेकिन लाइसेंस का टेस्ट देने आरटीओ कार्यालय समय से जाने के बावजूद उनके ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हो पा रहे हैं. इसकी एक अहम वजह है लगातार सर्वर डाउन होना.

सर्वर की समस्या तब से शुरू हुई है जबसे ड्राइविंग लाइसेंस का ऑफलाइन आवेदन पूरी तरह से बंद कर दिया गया. ऑनलाइन आवेदन होने के बाद सर्वर पर इतना लोड पड़ा कि आए दिन सर्वर ठप होने और स्लो होने की समस्या बढ़ गई. एक तरफ तो सर्वर की मार और दूसरी तरफ अब आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस का काम अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हाथ सौंपे जाने से ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. आरटीओ के सूत्र बताते हैं कि यह संख्या तकरीबन 6,000 तक पहुंच चुकी है. समय पर अप्रूव न होने के चलते ड्राइविंग लाइसेंस भी समय से डिस्पैच नहीं हो पाएंगे. जिससे समय पर आवेदक के घर लाइसेंस पहुंच पाना असंभव है. ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजार कर रहे आवेदकों को अब और ज्यादा दिन तक इंतजार करना पड़ेगा.

इस तरह के डीएल की पेंडेंसी
पेंडेंसी वाले ड्राइविंग लाइसेंस में लर्निंग लाइसेंस, परमानेंट लाइसेंस, डुप्लीकेट लाइसेंस और रिनुअल लाइसेंस शामिल हैं. इस तरह के सभी लाइसेंस अनुमोदित नहीं होने के कारण समय से आवेदकों के घर नहीं पहुंच पाएंगे.

कम कर दिए गए स्लॉट
ड्राइविंग लाइसेंस के स्लॉट में परिवहन विभाग ने हाल ही में कमी कर दी है. पहले जहां आरटीओ कार्यालय में हर रोज 276 लाइसेंस जारी होते थे. वहीं अब इनकी संख्या घटाकर 180 कर दी गई है. इससे अब लाइसेंस की पेंडेंसी आने वाले दिनों में कम होगी. हालांकि अभी भी पहले से जिन आवेदकों ने आवेदन कर दिए थे उन्हीं की वजह से इतनी ज्यादा पेंडेंसी है.

लखनऊ के आरटीओ रामफेर द्विवेदी का कहना है कि 6,000 ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी की बात सही नहीं है. सर्वर की समस्या के चलते तकरीबन 900 लाइसेंस अप्रूव नहीं हो पाए हैं. जल्द ही सभी ड्राइविंग लाइसेंस अप्रूव किए जाएंगे. अप्रशिक्षित कर्मचारियों के हाथों में डीएल का काम दिए जाने की बात भी सही नहीं है.

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