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CAA विरोध मामला: दीपक कबीर को मिली जमानत - lucknow CAA protest

दीपक मिश्रा उर्फ कबीर की जमानत याचिका पर अपर जिला जज एसएस पांडेय ने सुनवाई कर के मंजूरी दे दी है. कार्रवाई के दौरान कोई ठोस सुबूत नहीं मिले हैं, जिसके चलते उनकी जमानत अर्जी को मंदूरी मिली है.

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Published : Jan 8, 2020, 1:10 PM IST

लखनऊ: एडजे कोर्ट ने कवि दीपक मिश्रा उर्फ कबीर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. बीते महीने उन्हें सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन चलते गिरफ्तार किया गया था. अपर जिला जज एसएस पांडेय ने मामले की सुनवाई कर जमानत अर्जी मंजूर की है.

कोर्ट ने उन्हें पचास-पचास हजार रुपये की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. दीपक कबीर को हाल ही में शहर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रर्दशनों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

कोर्ट ने पाया कि दीपक कबीर प्राथमिकी में नामजद नहीं थे और न ही अब तक की विवेचना से उनके आगजनी में शामिल होने के कोई स्पष्ट प्रमाण मिले हैं. कोर्ट ने यह भी पाया कि घटना में घायल पुलिस कर्मियों की लगी चोट गम्भीर नहीं हैं. कोर्ट का इस मामले में कहना है कि सह अभियुक्त सदफ जफर की जमानत पहले ही हो चुकी है. सभी परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत केस के मेरिट पर टिप्पणी किए बिना दीपक कबीर को जमानत दे दी.

पढ़ें: भारत बंद को लेकर ट्रेड यूनियनों का दावा, 25 करोड़ लोग शामिल होंगे

लखनऊ: एडजे कोर्ट ने कवि दीपक मिश्रा उर्फ कबीर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. बीते महीने उन्हें सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन चलते गिरफ्तार किया गया था. अपर जिला जज एसएस पांडेय ने मामले की सुनवाई कर जमानत अर्जी मंजूर की है.

कोर्ट ने उन्हें पचास-पचास हजार रुपये की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. दीपक कबीर को हाल ही में शहर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रर्दशनों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

कोर्ट ने पाया कि दीपक कबीर प्राथमिकी में नामजद नहीं थे और न ही अब तक की विवेचना से उनके आगजनी में शामिल होने के कोई स्पष्ट प्रमाण मिले हैं. कोर्ट ने यह भी पाया कि घटना में घायल पुलिस कर्मियों की लगी चोट गम्भीर नहीं हैं. कोर्ट का इस मामले में कहना है कि सह अभियुक्त सदफ जफर की जमानत पहले ही हो चुकी है. सभी परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत केस के मेरिट पर टिप्पणी किए बिना दीपक कबीर को जमानत दे दी.

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सीएए का विरोध करने वाले दीपक कबीर को भी मिली जमानत
विधि संवाददाता
लखनऊ
अपर जिला जज एसएस पांडे ने कवि दीपक मिश्रा उर्फ दीपक कबीर की जमानत अर्जी मंगलवार को मंजूर कर ली। कोर्ट ने उन्हें पचास-पचास हजार रूपये की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है। दीपक कबीर को हाल ही में शहर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ हुए हिंसक प्रर्दशनों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
   
दीपक कबीर की ओर से जमानत अर्जी पेश कर कहा गया था कि वह निर्दोष हैं तथा उनके खिलाफ कोसाक्ष्य नहीं है। कोर्ट ने पाया कि दीपक कबीर प्राथमिकी में नामजद नहीं थे और न ही अब तक की विवेचना से उनके आगजनी में शामिल होने के कोई स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। कोर्ट ने यह भी पाया कि घटना में घायल पुलिसकर्मियों की चोंटे गम्भीर प्रकृति की नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले के सह अभियुक्त सदफ जफर की जमानत पहले ही हो चुकी है। सभी परिस्थितियों पर विचार करने के उपरांत केस के मेरिट पर टिप्पणी किए बिना दीपक कबीर को जमानत दे दी। 

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Chandan Srivastava
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