लखनऊ: उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए शासन के निर्देशों पर डाटा एनालिटिक्स सेंटर का निर्माण किया जाएगा. सेफ्टी सिटी परियोजना के अंतर्गत वीमेन पावर लाइन 1090 में डाटा एनालिटिक्स सेंटर की स्थापना की जाएगी.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि डाटा एनालिटिक्स सेंटर विभिन्न सोर्स से महिलाओं के प्रति होने वाले आपराधिक मामलों और शिकायतों के संदर्भ में डाटा एकत्रित करेगा. डाटा एकत्रित करने के बाद एक्सपर्ट की निगरानी में डाटा का विश्लेषण किया जाएगा. विश्लेषण के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि महिलाओं के साथ किस तरह के अपराध अधिक हो रहे हैं और कौन से वह हॉटस्पॉट एरिया हैं जहां पर महिलाओं के साथ अपराध होते हैं. विश्लेषण से प्राप्त नतीजों के आधार पर कार्रवाई करते हुए महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर लगाम लगाई जाएगी और हॉटस्पॉट एरिया पर रोमियो स्क्वायड की टीम सक्रिय रहेगी.
अवनीश अवस्थी ने बताया कि वीमेन पावर लाइन के साइबर सेल को मिलने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत साइबर सेल को अधिक मजबूत और आधुनिक बनाया जाएगा, जिससे कि महिलाओं के प्रति होने वाले साइबर अपराध की शिकायतों पर प्रभावी कार्रवाई की जा सके. महिलाओं के साथ छेड़छाड़, पीछा करने जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सेफ सिटी परियोजना के अंतर्गत वीमेन पावर लाइन 1090 और यूपी डायल 112 को इंटीग्रेट किया गया है. इसके माध्यम से 1090 पर की गई शिकायत को डायल 112 के साथ साझा किया जाता है और घटना होने पर त्वरित कार्रवाई और मदद पीड़ित महिला को पहुंचाई जाती है.
वर्ष 2020 में अब तक इतनी शिकायतें हुईं दर्ज
अपर पुलिस महानिदेशक वीमेन पावर लाइन नीरा रावत ने वर्ष 2020 में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताया कि वर्ष 2020 में अब तक 2 लाख 8 हजार 647 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें से 1 लाख 33 हजार 118 शिकायतें कॉल बुलिंग (धमकाना) एवं साइबर बुलिंग से संबंधित हैं. उन्हें सीधे 1090 द्वारा निस्तारित किया जा रहा है, जिनमें से अभी तक 1 लाख 15 हजार 444 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. 1,910 शिकायतें स्टॉकिंग (पीछा करने) के संबंध में हैं. 73,619 शिकायतें अपराध से संबंधित होने के कारण उन्हें जनपदीय पुलिस जीआरपी और यूपी डायल 112 को ट्रांसफर किया गया है. वीमेन पावर लाइन की प्रभावी कार्रवाई के तहत 99% निस्तारित मामलों में महिलाएं संतुष्ट पाई गई हैं.