लखनऊः एलडीए की 50 संपत्तियों का डाटा कम्प्यूटर रिकार्ड के अनुसार, उनके यूजर आइडी से अलग-अलग तिथियों में अनाधिकृत व्यक्तियों के द्वारा परिवर्तित कर दिए जाने का मामला सामने आया है. इनमें छह प्लॉट गोमती नगर के वास्तुखंड के भी हैं, जिनका कोई मालिक नहीं है. अन्य प्लॉटों का भी यही हाल है. एक तरफ राइटर को दी गई करीब 25 हजार से ज्यादा फाइलें गायब हैं. वहीं कम्प्यूटर रिकार्ड में छेड़छाड़ होने पर एलडीए की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. डीएम और एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं. डीएम और एलडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर सचिव पवन गंगवार ने चार सदस्यीय टीम बनाई है.
डीएम और एलडीए उपाध्यक्ष से की गई थी शिकायत
संयुक्त सचिव ऋतु सुहास की अध्यक्षता में पुलिस आयुक्त लखनऊ से नामित साइबर एक्सपर्ट, अधिशासी अभियंता पीएस मिश्रा और तहसीलदार राजेश कुमार शुक्ला सदस्य नामित हैं. पुलिस आयुक्त से नामित साइबर एक्सपर्ट की टीम मंगलवार को एलडीए के कार्यालय में एग्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर से पूछताछ करने पहुंची. भटनागर ने बताया कि अभी जांच शुरू हुई है. टीम ने यह जानने का प्रयास किया कि एलडीए की कार्यप्रणाली क्या है. इस मामले से जुड़े तथ्यों की जानकारी ली है. टीम को सात दिन में रिपोर्ट देनी है.
एलडीए की हर संपत्ति का ब्योरा कम्प्यूटर पर दर्ज किया जाता है. आवंटी कहीं से भी ऑनलाइन अपनी संपत्ति के बारे में जान सकता है. एग्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर ने एलडीए उपाध्यक्ष को अवगत कराया है कि वर्तमान समय में कोई अन्य यूजर आइडी से किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा भी संपत्तियों का डाटा बदलने से इंकार नहीं किया जा सकता है.