लखनऊ : साइबर ठगों पर लगाम लगाने के लिए लखनऊ साइबर पुलिस लगातार प्रयास करती हुई नजर आ रही है. अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रयासों का नतीजा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शिकायतकर्ता को आवास दिलाने का लालच देकर ठगी करने वाले ठगों से पीड़ित को 44 हजार 841 रुपये वापस दिलाए गए हैं. पीड़ित की सहायता के लिए बैंक के अधिकारियों से कोआर्डिनेट कर यह कार्रवाई की गई है.
लखनऊ की साइबर क्राइम टीम ने ठगों से वापस दिलाई रकम, बैंक के सहयोग से मिली सफलता साइबर सेल से की गई थी शिकायत पिछले दिनों शिकायतकर्ता मंसाराम ने साइबर सेल में शिकायत की थी कि उन्हें एक फोन आया था. फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास दिलाने का लालच दिय. कॉलर ने काम को पूरा कराने के लिए फोन पर आई ओटीपी मांगी. फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को को सरकारी कर्मचारी बताया और उसके पास जो डाटा उपलब्ध था वह एकदम सही था. लिहाजा मंसाराम ने उसे ओटीपी बता दिया. इसके बाद मंसाराम के खाते से 65 हजार रुपये कट गए. हालांकि पुलिस की सक्रियता के चलते समय रहते मंसाराम के खाते में 44 हजार 841 रुपये वापस कराए गए हैं.
एक अन्य मामले में हुई कार्रवाई एक अन्य मामले में भी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता को पैसे वापस कराए हैं. अमित कुमार अस्थाना ने पिछले दिनों शिकायत की थी कि एक व्यक्ति ने उन्हें खुद को जियो फाइबर का कर्मचारी बताकर फोन किया और जियो फाइबर को ठीक करने के लिए ओटीपी मांगी. ओटीपी देने के बाद उनके खाते से 80 हजार रुपये कट गए. जिसकी शिकायत उन्होंने साइबर सेल में की. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 70 हजार रुपये वापस कराए हैं. साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल ने बताया कि सरकारी योजनाओं के नाम पर लोगों को फोन कर ओटीपी प्राप्त कर खाते से पैसे निकालने का यह पहला मामला नहीं है. ऐसे ही तमाम मामले पहले भी हो चुके हैं. अच्छी बात यह है कि पुलिस अब बैंक से कोआर्डिनेट करके खातों को सीज कर पैसा वापस कराने की कार्रवाई करने लगी है. जिससे काफी हद तक राहत मिली है. यदि लोग समय रहते शिकायत करते हैं तो काफी हद तक या संभव होता है कि उनका पैसा बैंक के माध्यम से वापस कराया जाए, लेकिन इसके लिए लोगों में जागरूकता की जरूरत है.
यह भी पढ़ें : अगले दो दिन बारिश की चेतावनी, जानिए अन्य जिलों का हाल