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लखनऊ: आम के साथ अब लीजिए मलिहाबादी लीची का स्वाद

लखनऊ के मलिहाबाद में अब आम के साथ लीची की भी खेती शुरु हो रही है. बागवानों के अनुसार दोनों की खेती एक साथ करने से उनकी आमदनी भी बढ़ सकती है.

एक साथ खेती से बागवानों को मिलेगा लाभ
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Published : Jul 13, 2019, 8:13 PM IST

लखनऊ: आम के साथ ही अब लीची भी खेती में अपनी पहचान बनाने को आतुर दिख रहा है. मलिहाबाद के बागवान अपनी बागों में आम के साथ ही लीची के पेड़ लगाकर लीची तैयार कर रहे हैं.

मलिहाबाद में बागावानों ने अब आम के साथ लीची की भी खेती की शुरुआत की

अब आम और लीची एक ही बागवान में-

  • फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद काकोरी में लीची के बागवान ज्यादा नहीं है.
  • जागरुक बागवानों की मानें तो इस क्षेत्र में लीची की अच्छी बागवानी की जा सकती है.
  • इससे बागवान अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं.
  • आम के साथ लीची की खेती से बागवानों की कमाई बढ़ सकती है.

करीब 5 साल पहले मैंने कुछ लीची के पेड़ अपनी नर्सरी में तैयार किए थे. इस वर्ष बहुत अच्छी फसल की पैदावार हुई. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की आम के साथ साथ लीची भी क्षेत्रवासियों की प्रमुख आय का साधन बन सकता है.
-रामकिशोर सैनी- जय अंबे नर्सरी के संचालक

लखनऊ: आम के साथ ही अब लीची भी खेती में अपनी पहचान बनाने को आतुर दिख रहा है. मलिहाबाद के बागवान अपनी बागों में आम के साथ ही लीची के पेड़ लगाकर लीची तैयार कर रहे हैं.

मलिहाबाद में बागावानों ने अब आम के साथ लीची की भी खेती की शुरुआत की

अब आम और लीची एक ही बागवान में-

  • फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद काकोरी में लीची के बागवान ज्यादा नहीं है.
  • जागरुक बागवानों की मानें तो इस क्षेत्र में लीची की अच्छी बागवानी की जा सकती है.
  • इससे बागवान अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं.
  • आम के साथ लीची की खेती से बागवानों की कमाई बढ़ सकती है.

करीब 5 साल पहले मैंने कुछ लीची के पेड़ अपनी नर्सरी में तैयार किए थे. इस वर्ष बहुत अच्छी फसल की पैदावार हुई. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की आम के साथ साथ लीची भी क्षेत्रवासियों की प्रमुख आय का साधन बन सकता है.
-रामकिशोर सैनी- जय अंबे नर्सरी के संचालक

Intro:आम के साथ ही अब लीची की खेती में भी अपनी पहचान बनाने को आतुर दिख रहा है मलिहाबाद यहां के बागवान अपनी बागों में आम के साथ ही लीची के पेड़ लगाकर लीची के बाद तैयार कर रहे हैं।


Body:वीओ,1. फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद काकोरी में बहुत ज्यादा लीची के बागान तो नहीं है लेकिन जो हैं उनमें तैयार हो रही लिखी अपनी विशेषताओं के कारण अपनी अलग ही पहचान बना रही है जागरूक भगवानों की मानें तो इस क्षेत्र में लीची की अच्छी बागवानी की जा सकती है और आम के साथी लीची की खेती कर अच्छी कमाई की जा सकती है जिन बागवान ने लीची के कुछ भी तैयार कर लिए हैं वह इससे अच्छी आमदनी भी कर रहे हैं।

वीओ,2. क्षेत्र में तैयार लीची को दे क्षेत्रीय बागवान उन्हें लीची की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं बागबान रामकिशोर सैनी कृष्ण मोहन विमल रावत जितेंद्र सिंह आदित्य अवस्थी ने बताया कि कुछ पेड़ इन के बागानों में लगे हुए हैं जो कि प्रत्येक वर्ष अच्छी फसल देते हैं साथ ही खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है।

बाईट,1. बागवानी के जानकार मुकेश कुमार सैनी ने बताया क्षेत्र में लीची की सघन बागवानी की जा सकती है जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होगी उन्होंने बताया कि वैसे तो लीची की पैदावार तराई इलाकों में होती है तराई क्षेत्र की ओर मलीहाबादी लीची में काफी फर्क पाया गया है उस लीची की अपेक्षा यहां की लीची काफी स्वादिष्ट है यह कम समय और कम लागत में तैयार होने वाली फसल है।

बाईट,2. जय अंबे नर्सरी के संचालक रामकिशोर सैनी ने बताया कि करीब 5 साल पहले उन्होंने कुछ लीची के पेड़ अपनी नर्सरी में तैयार किए थे इस वर्ष बहुत अच्छी फसल की पैदावार हुई इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की आम के साथ साथ लीची भी क्षेत्रवासियों की प्रमुख आय का साधन बन सकता है।


Conclusion:मलिहाबाद क्षेत्र के बागवान लीची के बाद लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं और आम के साथ साथ लीची की फसल भी किसानों की आर्थिक स्थिति को काफी सुधार करेगी।
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