लखनऊ : देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश के लिए आयोजित हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के की प्रक्रिया पर ही सवाल उठना शुरू हो गया है. प्रवेश परीक्षा समाप्त होने के बाद बीते 28 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) मैं सभी विषयों की आंसर की जारी की थी. ओरिजिनल आंसर की जारी होने के बाद पूरे देश से करीब 27000 से अधिक छात्रों ने कई सवालों पर आपत्ति दर्ज करा दिया था. छात्रों की आपत्तियों के बाद जब एनटीए उसकी जांच की तो उसके बाद 230 से अधिक सवालों को सीधे डिलीट कर दिया है. सवालों को हटाए जाने के बाद एनडीए ने यह निर्णय लिया है कि जो सवाल हटाए गए हैं उनके नंबर छात्रों को दिए जाएंगे या क्या होगा. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि नियमानुसार जो सवाल गलत होते हैं या हटाए जाते हैं. उनके नंबर बच्चों को समान रूप से दे दिए जाते हैं. ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर सवाल हटाए जाने के बाद इसका असर सीयूईटी की मेरिट पर दिखेगा.
पहले 174 फिर 230 सवाल हटा दिए गए
सीयूईटी के विशेषज्ञ नितिन प्रकाश ने बताया कि प्रोविजनल आंसर की आने के बाद पूरे देश से मिले आपत्तियों के बाद एनटीए प्रशासन ने पहले 174 सवाल हटाए थे फिर उसके बाद दोबारा से प्रोविजनल आंसर की जारी किया. दोबारा जारी हुए प्रोविजनल आंसर की पर भी छात्रों ने आपत्ति की जिसके बाद एनडीए ने अब तक कुल 230 सवालों को प्रवेश परीक्षा से हटा चुका है. उन्होंने बताया कि एंटी अभी भी छात्रों की ओर से दर्ज कराए गए आपत्तियों की जांच कर रहा है हो सकता है की सवालों के हटाए जाने की संख्या में और बढ़ोतरी हो. नितिन प्रकाश ने बताया कि अगर यह सारे सवालों के नंबर छात्रों में बांट दिए जाते हैं तो जिन छात्रों के परीक्षा खराब हुआ होगा. उन्हें इसका फायदा मिलेगा जबकि टॉपर स्टूडेंट्स को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि एक तो टॉपर्स छात्रों ने इस सवाल को हल करने में अपना समय का पाया होगा जबकि जिन छात्रों ने इन सवालों को अटेंड नहीं किया होगा उन्हें नंबर मिल जाएंगे. ऐसे में लोडिंग वाले छात्रों को 1 या 2 नंबर अधिक मिलने से उनके बैंक में भी बदलाव देखने को मिलेगा.
देखना होगा कि किस विषय में सवार सबसे ज्यादा गलत हुए
विशेषज्ञ नितिन प्रकाश ने बताया कि एंटीए ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए करीब 841 प्रश्न पत्र कैसे तैयार कराए थे. जो 230 साल हटाए गए हैं, वह किस प्रश्न पत्र सेट से कितने प्रश्न हैं यह देखना होगा. जिस सेट के ज्यादा सवाल गलत होंगे उस सेट के मेरिट पर ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि मेरिट में बदलाव होने से कई विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा भी देखने को मिलेगा. विशेष तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित टॉप की केंद्रीय विश्वविद्यालयों में मेरिट में हो बदलाव का असर साफ तौर पर उनके प्रवेश प्रक्रिया पर भी होगा.
यह भी पढ़ें : SDM ज्योति मौर्या सुनवाई के लिए नहीं पहुंचीं कोर्ट, आलोक बोले- बच्चों के लिए कर सकते हैं समझौता