ETV Bharat / state

आजादी का अमृत महोत्सव: औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा, CSIR ने किया समझौते पर हस्ताक्षर

सीएसआईआर लखनऊ की तरफ से सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. यह निर्णय औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया. सीएसआईआर व एनएमपीबी विभाग के संयुक्त प्रयासों से औषधीय पौधों के आयात को कम करके किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का प्रयास किया जाएगा.

author img

By

Published : Dec 6, 2021, 11:07 PM IST

औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल
औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने की पहल

लखनऊ: आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके चलते सीएसआईआर की तरफ से सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. यह निर्णय औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया. बता दें कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने गुणवत्तापूर्ण पौध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयासों के जरिए इस समझौते की पहल की.

इसमें एनएमपीबी की तरफ से चुने गए उच्च गुणवत्ता व उन्नत किस्मों के औषधीय पौधे व जड़ी-बूटियों का उत्पादन शामिल है. इसके लिए पौधों के विकास, संवर्धन, संरक्षण और खेती के लिए नर्सरी की स्थापना की जाएगी और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. सीएसआईआर की तरफ से चयनित औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए रोपण सामग्री व उत्पादन पर भी शोध किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- PM Varanasi Visit : कॉरिडोर के बहाने सियासी गलियारे में 'गुड गवर्नेंस' की झलक दिखाएंगे पीएम मोदी

आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत काम करते हुए एनएमपीबी विभाग की तरफ से औषधीय पौधों से संबंधित सभी मामलों का समन्वय करने के साथ व्यापार, निर्यात, संरक्षण, खेती व विकास की नीतियों की अहम जिम्मेदारी निभाई जाएगी. साथ ही एनएमपीबी विभाग कार्यक्रमों के आयोजन व क्रियान्वयन के लिए भी अधिकृत है. बता दें कि इस समझौते के दौरान सीएसआईआर के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सीएसआईआर व एनएमपीबी दोनों विभाग मिलकर औषधीय पौधों के आयात को कम करके किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का प्रयास करेगें.

लखनऊ: आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके चलते सीएसआईआर की तरफ से सोमवार को एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. यह निर्णय औषधीय पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए लिया गया. बता दें कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने गुणवत्तापूर्ण पौध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त प्रयासों के जरिए इस समझौते की पहल की.

इसमें एनएमपीबी की तरफ से चुने गए उच्च गुणवत्ता व उन्नत किस्मों के औषधीय पौधे व जड़ी-बूटियों का उत्पादन शामिल है. इसके लिए पौधों के विकास, संवर्धन, संरक्षण और खेती के लिए नर्सरी की स्थापना की जाएगी और आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी. सीएसआईआर की तरफ से चयनित औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए रोपण सामग्री व उत्पादन पर भी शोध किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- PM Varanasi Visit : कॉरिडोर के बहाने सियासी गलियारे में 'गुड गवर्नेंस' की झलक दिखाएंगे पीएम मोदी

आयुष मंत्रालय के अन्तर्गत काम करते हुए एनएमपीबी विभाग की तरफ से औषधीय पौधों से संबंधित सभी मामलों का समन्वय करने के साथ व्यापार, निर्यात, संरक्षण, खेती व विकास की नीतियों की अहम जिम्मेदारी निभाई जाएगी. साथ ही एनएमपीबी विभाग कार्यक्रमों के आयोजन व क्रियान्वयन के लिए भी अधिकृत है. बता दें कि इस समझौते के दौरान सीएसआईआर के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सीएसआईआर व एनएमपीबी दोनों विभाग मिलकर औषधीय पौधों के आयात को कम करके किसानों की आय में बढ़ोतरी करने का प्रयास करेगें.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.