लखनऊ: डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व संयुक्त चिकित्सालय की ओपीडी आकस्मिक चिकित्सा सेवा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. बढ़ती भीड़ से सारे मानक टूट गए हैं. मरीजों का बड़ा समय पर्चा बनाने में ही नष्ट हो रहा है.
दवा लेने में हो रही कड़ी मशक्कत
संस्थान में सिर्फ परामर्श व अन्य आकस्मिक चिकित्सा में ही कतार लंबी नहीं है. यहां दवा लेने के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. संस्थान ने ओपीडी के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था शुरू की है. लेकिन इससे भी मरीजों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. ओपीडी शुरू होने से 2 घंटे पहले ही पर्चा बनवाने के काउंटर पर लंबी कतार लग जाती है जो ओपीडी समाप्त होने के बाद भी नहीं खत्म होती है.
लखनऊ के साथ पूर्वांचल का भी है दबाव
संस्थान के निर्देशक डॉक्टर एके सिंह स्वीकार करते हैं कि भीड़ बढ़ी है और इससे दिक्कतें हो रही हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ लोहिया संस्थान में ही भीढ़ का दबाव हो, अन्य चिकित्सालय व संस्थानों में भी ऐसी ही स्थिति है. लोहिया संस्थान व चिकित्सालय पर पूरे पूर्वांचल का दबाव है. उन्होंने कहा कि पीजीआई की एमरजेंसी बंद होने के कारण मरीज बढ़े हैं.