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बारिश और ओलावृष्टि से फसल हुई चौपट, किसानों पर छाए संकट के बादल

यूपी के कई जिलों में बीती रात तेज बारिश और ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं. सरसों चना, मटर, अरहर, गेहूं और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान हुआ है, जिससे किसान हताश और निराश नजर आ रहे हैं.

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Published : Mar 13, 2020, 12:44 PM IST

बारिश से यूपी के कई जिलों में फसलें हुई बर्बाद
बारिश से यूपी के कई जिलों में फसलें हुई बर्बाद

संतरविदास नगर: जिले में पिछले दो दिनों से बारिश और ओले पड़ रहे हैं. किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. रबी की फसलें पूरी तरीके से नष्ट हो गई हैं, जबकि दलहन की फसलों में ओले की वजह से अब कीड़े पड़ने शुरू हो जाएंगे. कृषि अधिकारी ने बताया है कि जहां-जहां जिले में ओले पड़े हैं, वहां तो फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी.

बारिश से फसलें हुए बर्बाद

जिले में 56000 हेक्टेयर पर रवि और दलहन की फसल लगाई जाती है. इसमें 53 हजार हेक्टेयर रवि की फसल की पैदावार होती है, जबकि 3000 हेक्टेयर में दलहन की फसलें लगाई जाती है. दलहन की फसलों में इस समय अधिकतर रूप से सरसों को नुकसान हुआ है. जबकि रवि की फसल में मुख्यतः भारी मात्रा में गेहूं का नुकसान हुआ है. नुकसान का अभी तक जिला प्रशासन ने आकलन नहीं लगा पाया है. डाटा तैयार करने के बाद कृषि अधिकारी ने बताया है कि महाराजगंज, गोपीगंज, औराई, सुरियावा और जहां-जहां ओले पड़े हैं, वहां के किसानों को पीएम किसान योजना के तहत उनकी फसलों का मुआवजा दिया जाएगा. जिले की लगभग 30% फसल ओले की वजह से बर्बाद हुई है.

प्रतापगढ़ में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

प्रतापगढ़: जिले के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई है. इस बारिश के वजह से फसले बुरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों की खून, पसीने और मेहनत पर पानी फिर गया है.

बारिश और ओलावृष्टी से सरसों चना, मटर, अरहर, गेंहू और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. हवा और बारिश से फसल जमीन पर लेट गई है, जिसके वजह से किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई है. बीते रात आसमान में आतिशबाजी के साथ ही तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई और बड़े-बड़े ओले पड़ने लगे थे. इस बरसात ने किसानों के चेहरे पर निराशा के बादल ला दिए है.

संतरविदास नगर में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

हरदोई: पिछले 12 घंटे से हो रही लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि ने जिले में जमकर कहर बरसाया है. कहीं तेज तूफान के कारण पेड़ और घरों को भी नुकसान पहुंचा तो, वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. गेहूं की फसल औंधे मुंह गिर गई है तो, वहीं सरसों मटर, चना और आलू की फसल भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में किसान खेतों की ओर पहुंचे तो सिर पीट कर रोने लगे हैं.

हरदोई में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

किसान रो रहे खून के आंसू

जिले में गुरुवार की रात से शुरू हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि नहीं, बल्कि प्रभु ने जमकर कहर बरपाया है. आंधी और तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई है. मौसम की इस बेरुखी से खेतों में सरसों, चना, मटर अरहर की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस साल बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. आवारा जानवरों के द्वारा लगातार किए जा रहे नुकसान के बाद, किसी तरह किसानों ने हिम्मत जुटाकर सरसों, चना, मटर, अरहर की खेती की उम्मीद की थी, लेकिन उनकी उम्मीद पर बारिश और ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया.

इसे भी पढ़ें:- बांदा: बारिश और ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, फसलों को हुआ नुकसान

संतरविदास नगर: जिले में पिछले दो दिनों से बारिश और ओले पड़ रहे हैं. किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. रबी की फसलें पूरी तरीके से नष्ट हो गई हैं, जबकि दलहन की फसलों में ओले की वजह से अब कीड़े पड़ने शुरू हो जाएंगे. कृषि अधिकारी ने बताया है कि जहां-जहां जिले में ओले पड़े हैं, वहां तो फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी.

बारिश से फसलें हुए बर्बाद

जिले में 56000 हेक्टेयर पर रवि और दलहन की फसल लगाई जाती है. इसमें 53 हजार हेक्टेयर रवि की फसल की पैदावार होती है, जबकि 3000 हेक्टेयर में दलहन की फसलें लगाई जाती है. दलहन की फसलों में इस समय अधिकतर रूप से सरसों को नुकसान हुआ है. जबकि रवि की फसल में मुख्यतः भारी मात्रा में गेहूं का नुकसान हुआ है. नुकसान का अभी तक जिला प्रशासन ने आकलन नहीं लगा पाया है. डाटा तैयार करने के बाद कृषि अधिकारी ने बताया है कि महाराजगंज, गोपीगंज, औराई, सुरियावा और जहां-जहां ओले पड़े हैं, वहां के किसानों को पीएम किसान योजना के तहत उनकी फसलों का मुआवजा दिया जाएगा. जिले की लगभग 30% फसल ओले की वजह से बर्बाद हुई है.

प्रतापगढ़ में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

प्रतापगढ़: जिले के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई है. इस बारिश के वजह से फसले बुरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों की खून, पसीने और मेहनत पर पानी फिर गया है.

बारिश और ओलावृष्टी से सरसों चना, मटर, अरहर, गेंहू और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. हवा और बारिश से फसल जमीन पर लेट गई है, जिसके वजह से किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई है. बीते रात आसमान में आतिशबाजी के साथ ही तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई और बड़े-बड़े ओले पड़ने लगे थे. इस बरसात ने किसानों के चेहरे पर निराशा के बादल ला दिए है.

संतरविदास नगर में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

हरदोई: पिछले 12 घंटे से हो रही लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि ने जिले में जमकर कहर बरसाया है. कहीं तेज तूफान के कारण पेड़ और घरों को भी नुकसान पहुंचा तो, वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. गेहूं की फसल औंधे मुंह गिर गई है तो, वहीं सरसों मटर, चना और आलू की फसल भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में किसान खेतों की ओर पहुंचे तो सिर पीट कर रोने लगे हैं.

हरदोई में बारिश से फसलें हुई बर्बाद.

किसान रो रहे खून के आंसू

जिले में गुरुवार की रात से शुरू हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि नहीं, बल्कि प्रभु ने जमकर कहर बरपाया है. आंधी और तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई है. मौसम की इस बेरुखी से खेतों में सरसों, चना, मटर अरहर की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस साल बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. आवारा जानवरों के द्वारा लगातार किए जा रहे नुकसान के बाद, किसी तरह किसानों ने हिम्मत जुटाकर सरसों, चना, मटर, अरहर की खेती की उम्मीद की थी, लेकिन उनकी उम्मीद पर बारिश और ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया.

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