संतरविदास नगर: जिले में पिछले दो दिनों से बारिश और ओले पड़ रहे हैं. किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. रबी की फसलें पूरी तरीके से नष्ट हो गई हैं, जबकि दलहन की फसलों में ओले की वजह से अब कीड़े पड़ने शुरू हो जाएंगे. कृषि अधिकारी ने बताया है कि जहां-जहां जिले में ओले पड़े हैं, वहां तो फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाएगी.
बारिश से फसलें हुए बर्बाद
जिले में 56000 हेक्टेयर पर रवि और दलहन की फसल लगाई जाती है. इसमें 53 हजार हेक्टेयर रवि की फसल की पैदावार होती है, जबकि 3000 हेक्टेयर में दलहन की फसलें लगाई जाती है. दलहन की फसलों में इस समय अधिकतर रूप से सरसों को नुकसान हुआ है. जबकि रवि की फसल में मुख्यतः भारी मात्रा में गेहूं का नुकसान हुआ है. नुकसान का अभी तक जिला प्रशासन ने आकलन नहीं लगा पाया है. डाटा तैयार करने के बाद कृषि अधिकारी ने बताया है कि महाराजगंज, गोपीगंज, औराई, सुरियावा और जहां-जहां ओले पड़े हैं, वहां के किसानों को पीएम किसान योजना के तहत उनकी फसलों का मुआवजा दिया जाएगा. जिले की लगभग 30% फसल ओले की वजह से बर्बाद हुई है.
प्रतापगढ़: जिले के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई है. इस बारिश के वजह से फसले बुरी तरह से बर्बाद हो गई है. किसानों की खून, पसीने और मेहनत पर पानी फिर गया है.
बारिश और ओलावृष्टी से सरसों चना, मटर, अरहर, गेंहू और सब्जियों की खेती को भारी नुकसान हुआ है. हवा और बारिश से फसल जमीन पर लेट गई है, जिसके वजह से किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई है. बीते रात आसमान में आतिशबाजी के साथ ही तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई और बड़े-बड़े ओले पड़ने लगे थे. इस बरसात ने किसानों के चेहरे पर निराशा के बादल ला दिए है.
हरदोई: पिछले 12 घंटे से हो रही लगातार तेज बारिश और ओलावृष्टि ने जिले में जमकर कहर बरसाया है. कहीं तेज तूफान के कारण पेड़ और घरों को भी नुकसान पहुंचा तो, वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं. गेहूं की फसल औंधे मुंह गिर गई है तो, वहीं सरसों मटर, चना और आलू की फसल भी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है. ऐसे में किसान खेतों की ओर पहुंचे तो सिर पीट कर रोने लगे हैं.
किसान रो रहे खून के आंसू
जिले में गुरुवार की रात से शुरू हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि नहीं, बल्कि प्रभु ने जमकर कहर बरपाया है. आंधी और तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं ओलावृष्टि से किसानों की फसलें चौपट हो गई है. मौसम की इस बेरुखी से खेतों में सरसों, चना, मटर अरहर की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. इस साल बेमौसम हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. आवारा जानवरों के द्वारा लगातार किए जा रहे नुकसान के बाद, किसी तरह किसानों ने हिम्मत जुटाकर सरसों, चना, मटर, अरहर की खेती की उम्मीद की थी, लेकिन उनकी उम्मीद पर बारिश और ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया.
इसे भी पढ़ें:- बांदा: बारिश और ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की मुसीबत, फसलों को हुआ नुकसान