लखनऊः शहर में पुलिस ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. आरोपी ठग एक दिन में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर पहले लोगों से रुपए ठगता था फिर बहाने से उन्हें नकली नोटों की गड्डी पकड़ाकर चंपत हो जाता था. पुलिस ने आरोपी ठग के पास से ठगी के 1.15 लाख रुपए, एक कार समेत नकली नोटों की गड्डी बरामद की है. इस मामले में पुलिस फरार दो आरोपियों की तलाश कर रही है.
डीसीपी दक्षिण विनीत कुमार जायसवाल ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अजीत मौर्य उर्फ रमेश ने सूरज चौधरी नाम के एक शख्स से भी रुपया दुगना करने के लालच में तीन लाख की ठगी की थी. बाद में सूरज से रमेश ने कहा कि किसी अन्य व्यक्ति का रुपया दिलवाओ उसमें तुम्हें कमीशन मिलेगा. इसके बाद सूरज चौधरी ने कई लोगों को फंसाकर रमेश की ठगी करने में सहायता की. इसके एवज में सूरज को मोटी रकम कमीशन के रूप में मिली.
ऐसे पकड़ा गया शातिर
बीते सोमवार को उन्नाव जिले के असोहा थानान्तर्गत भाऊमऊ गांव निवासी धर्मेद्र ने सरोजनीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि राजधानी लखनऊ के सैरपुर थानान्तर्गत रापरा सरौरा निवासी सूरज चौधरी ने उसे कुछ ही देर में रुपए दोगुने करने का झांसा दिया था. उसके कहने पर रविवार को धर्मेंद्र मोहनलालगंज के मौरावां रोड निवासी दोस्त शुभम भारती के साथ 3 लाख रुपये लेकर सरोजनीनगर में ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कार शोरूम के पीछे पहुंचा था. वहां एक कार में बैठे अंबेडकर नगर निवासी रमेश और एक अन्य शख्स ने तीन लाख रुपए ले लिए और कुछ ही देर में रकम दोगुना कर लौटने की बात कहकर चले गए. दोनों के जाने के बाद युवकों को ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी.
डीसीपी दक्षिणी विनीत जायसवाल ने बताया कि ठगे गए युवकों ने असली घटना छुपाते हुए पुलिस को तीन लाख रुपए लूटे जाने की सूचना दी. सूचना पाकर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे. पूछताछ के दौरान ठगे गये युवको ने रुपए दोगुना करने के एवज में तीन लाख रुपए लेकर भागने की घटना बताई. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर रमेश को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. गोंडा निवासी अजीत मौर्य रमेश के पास से पुलिस ने 2.15 लाख नकद, कार, नकली नोटों की गड्डियां और कूपन बरामद किए. पूछताछ में रमेश ने पुलिस को बताया कि वह ठगी मुंबई निवासी सूरज चौधरी के साथ अंजाम देता था.
रविवार को वह प्रतापगढ़ निवासी साथी राजेश और अंबेडकर नगर के अकबरपुर निवासी दीपक गुप्ता के साथ मिलकर कार से धर्मेंद्र से तीन लाख रुपए की धोखाधड़ी करने आया था. रुपए दोगुना करने का झांसा देकर वह रुपए लेकर फरार हो गया था. उसने बताया कि ठगी के लिए वह 100 रुपए के नकली नोट को असली की तरह चलने का दावा करते हुए लोगों को बाजार में चलाने के लिए देते थे. वास्तव में वह लोगों को असली नोट ही देते थे. जब नोट चल जाता था तो वह लोगों का विश्वास जीत लेते थे. इसके बाद वह रकम दोगुनी करने का झांसा देकर लोगों को रकम के साथ बुलाते थे. इसके बाद उनसे रकम लेकर उन्हें झांसा देकर नकली नोट थमाकर भाग जाते थे. पुलिस के मुताबिक अजीत मौर्य उर्फ रमेश को जेल भेज दिया गया है. फरार अन्य साथियों की तलाश हो रही है.
डीसीपी विनीत जायसवाल ने बताया कि पकड़ा गया ठग अजीत मौर्य उर्फ रमेश शातिर किस्म का ठग है. लोगों को लालच में फंसा कर ठगी करता था. उसके ऊपर लगभग आधा दर्जन से अधिक मुकदमे पहले से पंजीकृत है. शातिर ठग असली नोटों के बदले में दोगुने नकली नोट देने की बात कह कर लोगों को फंसाता था. उसके जाल में फंसे हुए लोग डर के मारे पुलिस के पास जाने से भी घबराते थे, क्योंकि लोगों को पता है कि नकली नोट खरीदना व बेचना दोनों ही कानूनन अपराध है. इसी डर का फायदा उठाकर शातिर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहा था.