लखनऊ: लखनऊ में अनुदान दिलाने के नाम पर ठगी के केस में 19 लोगों के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज (FIR against 19 accused in Lucknow) की गयी प्रतापगढ़ जिले के कुंडा स्थित पीरानगर निवासी संदीप कुमार ने रायबरेली के संजय यादव, उत्तराखंड प्रांत के पौड़ी गढ़वाल निवासी इंद्र बल्लभ डबराल, मुंबई के कुर्ला वेस्ट निवासी रोहित सिंह, गोरखपुर के खूनी पुर निवासी आमिर इस्लाम खान, बहराइच के छावनी निवासी शाहबाज और राजधानी लखनऊ के रहने वाले पुष्कर उपाध्याय, पवन बंसल, प्रवीन चौधरी, जितेंद्र कुमार भाटी, भुवन चंद शर्मा, सचिन दत्त शर्मा, ईश्वर चंद्र प्रजापति, मोहम्मद आदिल, गुड्डू मियां, आशीष द्विवेदी, अन्नास रजा, और अमरेश के खिलाफ निजी संस्था के लिए 60 करोड़ रुपये अनुदान दिलाने का झांसा देकर कई बार में करीब 1 करोड़ रुपये हड़पने की रिपोर्ट सरोजनीनगर थाने में दर्ज कराई है.
लखनऊ में एक करोड़ रुपये की ठगी के (One crore rupees fraud in Lucknow) मामले में पीड़ित संदीप का कहना है कि काफी दिनों पहले व्यवसाय के सिलसिले में उसकी बाराबंकी के रामसनेहीघाट निवासी व भगवती ग्रामोद्योग खादी संस्थान के संचालक दीपांकर द्विवेदी से लखनऊ में मुलाकात हुई और दोनों मित्र बन गये. सितंबर 2022 के प्रथम में संदीप और दीपांकर की सरोजनीनगर में स्कूटर इंडिया चौराहे के पास डीबीएसआर होटल में संजय यादव से मुलाकात हुई. उसके साथ पुष्कर उपाध्याय और पवन बंसल भी थे. तब संजय यादव ने कहा कि वह लोग समाज सेवा के रूप में कार्य करने वाली संस्थाओं के काम को बढ़ाने के लिए अनुदान दिलाते हैं.
इस दौरान संजय और उसकी टीम के साथियों ने कुछ संस्थाओं के प्रमाण पत्र और रजिस्ट्रेशन पेपर दिखाए. इस पर संदीप ने उनके ऊपर विश्वास कर लिया. बाद में सभी ने संदीप को 60 करोड़ रुपये का अनुदान दिलाने को कहा. संदीप का कहना है इसके बाद इन सभी ने अपने ऊपर के अधिकारी बताते हुए प्रवीन चौधरी, जितेंद्र कुमार भाटी, भुवन चंद शर्मा, सचिन दत्त शर्मा, ईश्वर चंद्र प्रजापति, मोहम्मद आदिल, गुड्डू मियां, आमिर इस्लाम, रोहित सिंह ने संदीप को अल्ट्राटेक इंडस्ट्रीज पीडीएफ का सत्यापित प्रमाण पत्र दिखाया. इसके सहयोगी इंद्र बल्लभ डबराल और आशीष द्विवेदी ने पूरी तरह से संदीप और उसके मित्र को विश्वास में लेकर सिक्योरिटी मनी के रूप में जैसे-जैसे रुपये की मांग की, वैसे ही वह उन्हें देते गए.
संदीप का कहना है आदिल के कहने पर 15 लाख 40 हजार रुपये शाहबाज रजा और गुड्डू मियां के खाते में भेजे. वहीं अन्नास रजा को 8 लाख रुपये नगद दिए. आदिल के खाते में 10 लाख ट्रांजैक्शन किया. आदिल के कहने पर ही विल्मर्स कंपनी के अकाउंट में 8 लाख बॉबी इलेक्ट्रॉनिक के खाते से भिजवाए और 8 लाख रुपये नगद दिए. 4 लाख एजी इंजीनियरिंग कंपनी के माध्यम से गुड्डू मियां के खाते में, प्रवीन चौधरी के खाते में 11 लाख रुपये दीपांकर के खाते से भेजे गये और उनके ड्राइवर जितेंद्र कुमार भाटी के अकाउंट में 1 लाख 90 हजार रुपये भेजे गये. भुवन चंद शर्मा के खाते में कई किस्तों में कुल 5 लाख 94 हजार 500 रुपये का ट्रांजैक्शन किया.
वहीं भुवन चंद शर्मा को 10 लाख नकद और 13 लाख रुपये दीपांकर के खाते से अमरेश के अकाउंट में डाले गये. आमिर इस्लाम खान के खाते में लगभग 13 लाख रुपये का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया गया. आरोप है कि इस प्रकार कुल लगभग एक करोड़ रुपये प्रवीन चौधरी, भुवन चंद शर्मा, मोहम्मद आदिल और उनके सहयोगियों ने लिये थे. बाद में आरोपियों ने न तो संदीप और ना ही दीपांकर की संस्था के नाम पर अनुदान दिलाया. बल्कि उन्हें विश्वास में लेकर दौड़ाते रहे. काफी परेशान होने के बाद संदीप और दीपांकर को जब अपने साथ ठगी होने की भनक लगी.
तब उन्होंने आरोपियों से अपनी रकम वापस मांगनी शुरू की. आरोप है कि पैसे मांगने पर आरोपियों ने उनसे गाली-गलौच करने के साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी. जिससे परेशान होकर संदीप ने इसकी शिकायत राजधानी के पुलिस कमिश्नर से की. सरोजिनी नगर थाना प्रभारी शैलेंद्र गिरी ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. (Crime News UP)
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