लखनऊ: घर में मां के साथ सो रही नाबालिग रिश्तेदार को दस रुपये का लालच देकर बाग में ले जाने और दुराचार (Rape with minor in Lucknow) करने के आरोपी बसंत को दोषी ठहराकर पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार उपाध्याय ने बीस साल की क़ैद और पंद्रह हज़ार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. कोर्ट में सरकारी वकील सुखेन्द्र प्रताप सिंह ने तर्क देकर बताया की मामले की रिपोर्ट माल थाने में पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई थी.
इस रिपोर्ट में कहा गया था की 25 अगस्त 2019 की रात में परिवार सो रहा था. रात क़रीब 3 बजे जब वादी की पत्नी की नींद खुली तो पाया कि पास में सो रही उसकी नाबालिग पुत्री बिस्तर पर नहीं है. कहा गया कि इस पर परिवार के लोग नाबालिग को ढूंढते हुए, पड़ोस के स्कूल से सटे बाग में पहुंचे, तो वहां आरोपी बसंत और उसके पीछे से नाबालिग आती दिखाई पड़ी. नाबालिग ने क़रीब आकर बताया की वादी का चचेरा भतीजा बसंत उसे दस रुपये देने का लालच देकर बाग ले गया और दुराचार किया.
विवाहिता की जहर देकर हत्या के आरोपियों को दस साल की सजा: लखनऊ में दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता को जहर देकर हत्या करने के आरोपी पति किशन, ससुर भुईधर, सास राजरानी व देवर मोहित को अपर सत्र न्यायाधीश सोम प्रभा मिश्रा ने दस वर्ष के कठोर कारावास व छह 6 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट में एडीजीसी नवीन त्रिपाठी बताया कि इस मामले की रिपोर्ट थाना इटौंजा मृतका के पिता गया प्रसाद ने दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने गांव के किशन के साथ अपनी पुत्री शिवदेवी की शादी की थी. कहा गया कि उसके ससुराल में पति किशन, ससुर भुइधर, सास राजरानी, देवर मोहित व चचिया ससुर शीलम उसे दहेज में हीरो होंडा मोटरसाइकिल व पचास हजार रुपये की मांग करके प्रताड़ित करते थे. बताया गया है कि दहेज की मांग की शिकायत को अपने पिता व परिवार के लोगों को जब वह घर आती थी, तब बताती थी.
वादी ने दामाद व ससुराल वालों को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन ससुराल वाले अपनी मांग पर अड़े रहे. सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि 1 अगस्त 2013 को गांव वालो से वादी को पता लगा कि उसकी पुत्री को जहर दे दिया है तथा हालत बिगड़ने पर उसे ससुराल वाले बलरामपुर अस्पताल में भर्ती करा कर भाग गए हैं. वादी व उसके घर वाले जब बलरामपुर में पहुंचे तो पता चला कि उसकी पुत्र की मृत्यु हो गई है. (Crime News Lucknow)
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