लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने माफिया मुख्तार अंसारी की एक कथित संपत्ति को अटैच करने के आयकर विभाग के कारण बताओ नोटिस में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति रजनीश कुमार व न्यायमूर्ति ज्योत्सना शर्मा की अवकाश कालीन खंडपीठ ने याची गणेशनाथ मिश्रा की याचिका को खारिज करते हुए पारित किया.
याचिका में गाजीपुर की एक संपत्ति को बेनामी संपत्ति ट्रांजेक्शन एक्ट के तहत अटैच करने के आयकर विभाग के 11 अप्रैल 2023 के नोटिस को चुनौती दी गई थी. याची की दलील थी कि उक्त नोटिस में गाजीपुर स्थित उसकी करोड़ों की एक संपत्ति को मुख्तार अंसारी की संपत्ति बताते हुए अटैच करने की नोटिस जारी की गई है, जबकि उक्त संपत्ति याची द्वारा स्वयं अर्जित की गई है. ऐसे में आयकर विभाग की कार्रवाई न्यायसंगत नहीं है.
याचिका में कहा गया कि नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उक्त संपत्ति वास्तव में मुख्तार अंसारी ने याची के नाम से खरीदी है. कहा गया कि याची के विरुद्ध एक भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है. लिहाजा मुख्तार अंसारी से उसका नाम जोड़ना गलत है. याचिका का आयकर विभाग की ओर से विरोध किया गया. न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात परित अपने आदेश में कहा कि याची ने आज तक आयकर विभाग द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है, लिहाजा इस स्तर पर न्यायालय मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता है.
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