लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस दौरान डीएपी उर्वरक के सम्बन्ध में संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक), उत्तर प्रदेश और उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधियों के साथ गहन समीक्षा की गई. नवम्बर के लिए भारत सरकार की तरफ से आवंटन के सापेक्ष कम्पनीवार डीएपी उर्वरक आपूर्ति के सम्बन्ध में जानकारी ली गई. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों की तरफ से उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किए जाने और थोक उर्वरक विक्रेताओं की तरफ से फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुंचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से देरी न की जाए.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि आवंटन के सापेक्ष प्रोराटा प्लान के अनुसार, मेसर्स एनएफएल की तरफ से 117%, आरसीएफ की तरफ से 58%, इफको से 90%, कृभको से 13%, कोरोमंडल से 67%, हिंडाल्को से 124%, चम्बल से 36%, पीपीएल से 63%, आईपीएल से 64% और एचयूआरएल से 91% मात्रा की आपूर्ति की गई है. वर्तमान में भारत सरकार की तरफ से 127 फास्फटिक उर्वरकों की रैंक डिस्पैच की गई है, जिसमें से 86 रैक पहुंच चुकी है. शेष 41 फास्फेटिक रैक रास्ते में है जो दो से तीन दिन के अंदर पहुंच जाएगी. कृषि मंत्री ने उर्वरक आपूर्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से आवंटन के सापेक्ष शत-प्रतिशत आपूर्ति करने के लिए बैठक में उपस्थित संस्था प्रतिनिधियों को निर्देशित किया. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों की तरफ से उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किए जाने और थोक उर्वरक विक्रेताओं की तरफ से फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुंचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से देरी न की जाए. कोई भी उर्वरक कम्पनियों से थोक उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद को टैगिंग न किया जाए. थोक उर्वरक विक्रेता फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को समय से पहुंचाएं. इसमें होल्डिंग न करें. प्रदेश के सभी उर्वरक बिक्री केंद्रों पर उर्वरक का विक्रय बोरी में अंकित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर बिक्री न कर रहा हो.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर बिक्री, उर्वरकों की होल्डिंग और टैगिंग से सम्बन्धित तथ्य प्रकाश में आता है तो तत्काल सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र को भी निरस्त करे. नियमानुसार विधिक कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल बुवाई में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. प्रदेश के किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व है.
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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने की समीक्षा बैठक, कहा- उर्वरक की कालाबाजारी और अधिक मूल्य पर बिक्री पर हो कार्रवाई - AGRICULTURE DEPARTMENT
AGRICULTURE DEPARTMENT : कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित की गई समीक्षा बैठक.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Nov 19, 2024, 10:52 PM IST
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस दौरान डीएपी उर्वरक के सम्बन्ध में संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक), उत्तर प्रदेश और उर्वरक विनिर्माता/प्रदायकर्ता संस्था के प्रतिनिधियों के साथ गहन समीक्षा की गई. नवम्बर के लिए भारत सरकार की तरफ से आवंटन के सापेक्ष कम्पनीवार डीएपी उर्वरक आपूर्ति के सम्बन्ध में जानकारी ली गई. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों की तरफ से उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किए जाने और थोक उर्वरक विक्रेताओं की तरफ से फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुंचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से देरी न की जाए.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि आवंटन के सापेक्ष प्रोराटा प्लान के अनुसार, मेसर्स एनएफएल की तरफ से 117%, आरसीएफ की तरफ से 58%, इफको से 90%, कृभको से 13%, कोरोमंडल से 67%, हिंडाल्को से 124%, चम्बल से 36%, पीपीएल से 63%, आईपीएल से 64% और एचयूआरएल से 91% मात्रा की आपूर्ति की गई है. वर्तमान में भारत सरकार की तरफ से 127 फास्फटिक उर्वरकों की रैंक डिस्पैच की गई है, जिसमें से 86 रैक पहुंच चुकी है. शेष 41 फास्फेटिक रैक रास्ते में है जो दो से तीन दिन के अंदर पहुंच जाएगी. कृषि मंत्री ने उर्वरक आपूर्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से आवंटन के सापेक्ष शत-प्रतिशत आपूर्ति करने के लिए बैठक में उपस्थित संस्था प्रतिनिधियों को निर्देशित किया. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि उर्वरक कम्पनियों की तरफ से उर्वरकों की आपूर्ति थोक उर्वरक विक्रेताओं को किए जाने और थोक उर्वरक विक्रेताओं की तरफ से फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक पहुंचाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार से देरी न की जाए. कोई भी उर्वरक कम्पनियों से थोक उर्वरक विक्रेताओं को उर्वरक के साथ कोई अन्य उत्पाद को टैगिंग न किया जाए. थोक उर्वरक विक्रेता फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को समय से पहुंचाएं. इसमें होल्डिंग न करें. प्रदेश के सभी उर्वरक बिक्री केंद्रों पर उर्वरक का विक्रय बोरी में अंकित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक दर पर बिक्री न कर रहा हो.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर बिक्री, उर्वरकों की होल्डिंग और टैगिंग से सम्बन्धित तथ्य प्रकाश में आता है तो तत्काल सम्बन्धित के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र को भी निरस्त करे. नियमानुसार विधिक कार्यवाही करें. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल बुवाई में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. प्रदेश के किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार का दायित्व है.
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