लखनऊ : राजधानी की पुलिस कमिश्नरेट को एक बार फिर उन्ही के बर्खास्त सिपाही ने शिकस्त देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. आजमगढ़ के व्यापारी का अपहरण कर लखनऊ लाकर लूट करने वाले बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव ने घटना के 20 दिन बाद शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. इससे पहले इस केस में पुलिस हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबिल युसूफ अली और हिस्ट्रीशीटर नाजिम को गिरफ्तारी कर चुकी है.
दरअसल, 29 नवंबर 2023 को आजमगढ़ के भोगनवाला निवासी कपड़ा व्यापारी इस्तियाक को कुछ लोग खुद को क्राइम ब्रांच बता लखनऊ के निरालानगर स्थित होटल लाकर उसके साथ लूटपाट की थी. इस घटना को अंजाम देने वालों में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, सिपाही यूसुफ, पुलिस का मुखबिर शेखर, हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता और नसीम शामिल थे, हालांकि इस पूरी साजिश को रचने वाला वही बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव था. मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी. हालांकि बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर शेखर उर्फ चुन्नू और शेखर फरार चल रहे थे. वर्षों क्राइम ब्रांच में तैनात रहे धीरेंद्र के नेटवर्क के चलते लखनऊ पुलिस उसे ट्रेस नही कर पा रही थी जिसके बाद शुक्रवार को बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव समेत तीन अरोपियों ने घटना के बीस दिन बाद कोर्ट में सरेंडर किया है.
इससे पहले भी बुर्का पहन सरेंडर कर चुका है बर्खास्त सिपाही
यह पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव ने लखनऊ पुलिस को शिकस्त दी है. इससे पहले लखनऊ के चर्चित आयुष और श्रवण साहू हत्याकांड में भी बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव आरोपी बनाया गया था. तत्कालीन एसएसपी के एसओजी में तैनात धीरेंद्र ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी अकील के साथ मिलकर श्रवण साहू को उसी के बेटे की हत्या का मुख्य आरोपी बना दिया था. मामले का खुलासा होने के बाद उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर बर्खास्त कर गया था. इसके बाद वह दो वर्षों तक अपनी ही फोर्स के साथ आंख मिचौली खेलने के बाद मार्च 2019 में बुर्का पहन कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.
ये भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने कहा- शवदाह स्थलों की दुर्दशा सुधारने के लिए कदम उठाए यूपी सरकार, 18 जनवरी को अगली सुनवाई
बर्खास्त सिपाही ने पुलिस महकमे को फिर दिया चकमा, व्यापारी किडनैपिंग मामले में 20 दिन बाद कोर्ट में किया सरेंडर
लखनऊ में बर्खास्त सिपाही ने पुलिस महकमे को एक बार फिर चकमा दिया. व्यापारी किडनैपिंग मामले में 20 दिन बाद आरोपी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 23, 2023, 6:55 AM IST
लखनऊ : राजधानी की पुलिस कमिश्नरेट को एक बार फिर उन्ही के बर्खास्त सिपाही ने शिकस्त देते हुए कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. आजमगढ़ के व्यापारी का अपहरण कर लखनऊ लाकर लूट करने वाले बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव ने घटना के 20 दिन बाद शुक्रवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. इससे पहले इस केस में पुलिस हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, हेड कांस्टेबिल युसूफ अली और हिस्ट्रीशीटर नाजिम को गिरफ्तारी कर चुकी है.
दरअसल, 29 नवंबर 2023 को आजमगढ़ के भोगनवाला निवासी कपड़ा व्यापारी इस्तियाक को कुछ लोग खुद को क्राइम ब्रांच बता लखनऊ के निरालानगर स्थित होटल लाकर उसके साथ लूटपाट की थी. इस घटना को अंजाम देने वालों में हसनगंज थाने में तैनात दरोगा अनुराग द्विवेदी, सिपाही यूसुफ, पुलिस का मुखबिर शेखर, हिस्ट्रीशीटर दिनेश गुप्ता और नसीम शामिल थे, हालांकि इस पूरी साजिश को रचने वाला वही बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव था. मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली गई थी. हालांकि बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव, हिस्ट्रीशीटर शेखर उर्फ चुन्नू और शेखर फरार चल रहे थे. वर्षों क्राइम ब्रांच में तैनात रहे धीरेंद्र के नेटवर्क के चलते लखनऊ पुलिस उसे ट्रेस नही कर पा रही थी जिसके बाद शुक्रवार को बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव समेत तीन अरोपियों ने घटना के बीस दिन बाद कोर्ट में सरेंडर किया है.
इससे पहले भी बुर्का पहन सरेंडर कर चुका है बर्खास्त सिपाही
यह पहली बार नहीं है जब यूपी पुलिस के बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव ने लखनऊ पुलिस को शिकस्त दी है. इससे पहले लखनऊ के चर्चित आयुष और श्रवण साहू हत्याकांड में भी बर्खास्त सिपाही धीरेंद्र यादव आरोपी बनाया गया था. तत्कालीन एसएसपी के एसओजी में तैनात धीरेंद्र ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी अकील के साथ मिलकर श्रवण साहू को उसी के बेटे की हत्या का मुख्य आरोपी बना दिया था. मामले का खुलासा होने के बाद उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर बर्खास्त कर गया था. इसके बाद वह दो वर्षों तक अपनी ही फोर्स के साथ आंख मिचौली खेलने के बाद मार्च 2019 में बुर्का पहन कर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.
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