ETV Bharat / state

यूपी में अपराध पर क्या योगी लगा पाए अंकुश, देखें खास रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है, जबकि वर्तमान सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों से तुलना करते हुए आंकड़े जारी कर गिरावट का दावा किया है. आइए जानते हैं कि आकड़ों के आधार पर प्रदेश में क्राइम की क्या स्थिति है.

author img

By

Published : Dec 4, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 11:10 PM IST

उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे अपराध.
उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे अपराध.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर लगातार हमलावर है. विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए योगी सरकार अपने पहले की सरकार के आंकड़े का इस्तेमाल करती है और कहती है कि पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार की स्थिति बेहतर है.

यूपी का क्राइम ग्राफ

19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उत्तर प्रदेश में साल 2016 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब राज्य में साल भर में 4,94,025 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी यानि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ये आंकड़े योगी सरकार के सामने ये आंकड़े एक बड़ी चुनौती थी. साल 2017 में राज्य में 6 लाख 82 मामले दर्ज किए गए. लेकिन साल 2018 में योगी सरकार की क्राइम के बारे में जीरो टॉलरेंस के वादे का असर दिखने लगा. इस साल अपराध के आंकड़े घटकर 5 लाख 85 हजार 157 हो गए. लेकिन साल 2019 में तस्वीर एक बार फिर बदल गई और क्राइम का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ गया. राज्य में साल 2019 में अपराध के 6 लाख 28 हजार 578 मामले दर्ज हो गए.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक बीएसपी के शासनकाल में 5783 अपराध हर रोज होते थे. वहीं जब समाजवादी पार्टी की सरकार आयी तो यह बढ़कर 6433 हो गए. अखिलेश के शासनकाल में दंगे भी खूब हुए. हालांकि जब योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए तब दंगों पर लगाम लगाने में वो कामयाब रहे.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

राज्य में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे तब खाकीधारी भी सुरक्षित नहीं थे. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक अखिलेश यादव के शासन के दौरान 1200 से ज्यादा बार पुलिस वालों पर हमले हुए. वहीं बीएसपी के शासनकाल के दौरान 547 बार खाकी पर हमले हुए थे.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

साल 2019 के एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश 12.2 फीसदी अपराधों के साथ देश में पहले स्थान पर रहा. दूसरे नंबर पर 9.9 फीसदी के साथ महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर केरल रहा.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी की तुलना में योगी सरकार के शासनकाल में महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2019 में देश में जितना अपराध महिलाओं के खिलाफ दर्ज किया गया उसमें से 14.7 फीसदी उत्तर प्रदेश में दर्ज हुआ.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

प्रदेश की योगी सरकार में दलितों पर अत्याचार के मामले भी बढ़े हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक योगी के कार्यकाल के दौरान राज्य में एससी और एसटी के संबंध में दर्ज मामलों की संख्या में बढ़ोतरी ही हुई है.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ


हालांकि एक अच्छा पहलू यह भी है कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान अपहरण के मामलों में गिरावट भी देखने को मिली. 2018 में अपहरण के जहां 21711 मामले दर्ज थे, वहीं 2019 में अपहरण के 16590 मामले दर्ज किए गए.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

इसी तरह हत्या के मामलों भी योगी सरकार के शासन के दौरान कमी देखने को मिली है. साल 2016 से लेकर साल 2019 तक लगातार हत्या के मामलों में कमी देखी गई.

पूर्व डीजीपी का क्या है कहना

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन का कहना है कि योगी सरकार का माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के तरीके से अपराध पर काबू पाने में मदद मिलेगी.

आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर का कहना है कि सरकार चाहे किसी की भी हो, आपराधिक मामले होते रहते हैं. बस उनके नियंत्रण का तरीका बदलता रहता है. नूतन ठाकुर कहती हैं कि बहुत से अपराध के मामले थाने की दहलीज तक पहुंच भी नहीं पाते. एक तरफ योगी सरकार विकास के नए पैमाने गढ़ने में जुटी है तो दूसरी तरफ उसे अपराध के आंकड़ों पर भी काबू पाना होगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर विपक्ष योगी सरकार पर लगातार हमलावर है. विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए योगी सरकार अपने पहले की सरकार के आंकड़े का इस्तेमाल करती है और कहती है कि पिछली सरकारों के मुकाबले योगी सरकार की स्थिति बेहतर है.

यूपी का क्राइम ग्राफ

19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. उत्तर प्रदेश में साल 2016 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तब राज्य में साल भर में 4,94,025 आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे. एनसीआरबी यानि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के ये आंकड़े योगी सरकार के सामने ये आंकड़े एक बड़ी चुनौती थी. साल 2017 में राज्य में 6 लाख 82 मामले दर्ज किए गए. लेकिन साल 2018 में योगी सरकार की क्राइम के बारे में जीरो टॉलरेंस के वादे का असर दिखने लगा. इस साल अपराध के आंकड़े घटकर 5 लाख 85 हजार 157 हो गए. लेकिन साल 2019 में तस्वीर एक बार फिर बदल गई और क्राइम का ग्राफ तेजी से आगे बढ़ गया. राज्य में साल 2019 में अपराध के 6 लाख 28 हजार 578 मामले दर्ज हो गए.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक बीएसपी के शासनकाल में 5783 अपराध हर रोज होते थे. वहीं जब समाजवादी पार्टी की सरकार आयी तो यह बढ़कर 6433 हो गए. अखिलेश के शासनकाल में दंगे भी खूब हुए. हालांकि जब योगी आदित्यनाथ सत्ता में आए तब दंगों पर लगाम लगाने में वो कामयाब रहे.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

राज्य में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव सूबे के मुख्यमंत्री थे तब खाकीधारी भी सुरक्षित नहीं थे. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक अखिलेश यादव के शासन के दौरान 1200 से ज्यादा बार पुलिस वालों पर हमले हुए. वहीं बीएसपी के शासनकाल के दौरान 547 बार खाकी पर हमले हुए थे.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

साल 2019 के एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश 12.2 फीसदी अपराधों के साथ देश में पहले स्थान पर रहा. दूसरे नंबर पर 9.9 फीसदी के साथ महाराष्ट्र और तीसरे नंबर पर केरल रहा.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी की तुलना में योगी सरकार के शासनकाल में महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साल 2019 में देश में जितना अपराध महिलाओं के खिलाफ दर्ज किया गया उसमें से 14.7 फीसदी उत्तर प्रदेश में दर्ज हुआ.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

प्रदेश की योगी सरकार में दलितों पर अत्याचार के मामले भी बढ़े हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक योगी के कार्यकाल के दौरान राज्य में एससी और एसटी के संबंध में दर्ज मामलों की संख्या में बढ़ोतरी ही हुई है.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ


हालांकि एक अच्छा पहलू यह भी है कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान अपहरण के मामलों में गिरावट भी देखने को मिली. 2018 में अपहरण के जहां 21711 मामले दर्ज थे, वहीं 2019 में अपहरण के 16590 मामले दर्ज किए गए.

यूपी का क्राइम ग्राफ
यूपी का क्राइम ग्राफ

इसी तरह हत्या के मामलों भी योगी सरकार के शासन के दौरान कमी देखने को मिली है. साल 2016 से लेकर साल 2019 तक लगातार हत्या के मामलों में कमी देखी गई.

पूर्व डीजीपी का क्या है कहना

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन का कहना है कि योगी सरकार का माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के तरीके से अपराध पर काबू पाने में मदद मिलेगी.

आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर का कहना है कि सरकार चाहे किसी की भी हो, आपराधिक मामले होते रहते हैं. बस उनके नियंत्रण का तरीका बदलता रहता है. नूतन ठाकुर कहती हैं कि बहुत से अपराध के मामले थाने की दहलीज तक पहुंच भी नहीं पाते. एक तरफ योगी सरकार विकास के नए पैमाने गढ़ने में जुटी है तो दूसरी तरफ उसे अपराध के आंकड़ों पर भी काबू पाना होगा.

Last Updated : Dec 4, 2020, 11:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.