लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार तेजी के साथ कोविड वैक्सीनेशन अभियान को आगे बढ़ा रही है. अभी तक के आंकड़ों के मुताबिक, अधिक वैक्सीनेशन करने वाला यूपी पहला राज्य बन गया. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल वैक्सीनेशन का ग्राफ 10 करोड़ के पार पहुंच गया था. अब सरकार ने दावा किया है कि दिसंबर माह तक 10 वर्ष आयु तक के बच्चों को भी वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.
हालांकि, सितंबर माह में लक्ष्य के मुताबिक 50 फीसद ही वैक्सीन लग सकी. शुक्रवार की शाम तक 16 लाख डोज लगाई गईं. वहीं, गांधी जयंती पर प्रदेश सरकार ने कैम्प लगाकर वैक्सीनेशन करने की योजना बनाई है. शुक्रवार को 12,823 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू हुआ. इसमें 12,711 सरकारी व 112 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इन पर शाम तक 16 लाख डोज लगीं. वहीं अभी तक कुल 10 करोड़ 68 लाख से ज्यादा टीका लगे. उधर, गत सोमवार को टीकाकरण का महाभियान चलाया गया था. इस दौरान अब तक के सबसे अधिक कुल 16 हजार 416 बूथ बनाए गए. इसमें 16,328 सरकारी व 88 प्राइवेट बूथ रहे. ऐसे में सोमवार को एक दिन में 38 लाख से ज्यादा डोज लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया.
इस दौरान पहली डोज का आंकड़ा अब आठ करोड़ 61 लाख पार कर गया है. वहीं, दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 2 करोड़ 7 लाख पार कर गई. दावा है कि पहली डोज से अब 58 फीसद से ज्यादा आबादी कवर हो गयी है. राज्य में पहले चार से पांच लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगाई जाती थी. जून के दूसरे सप्ताह से हर रोज 6 लाख टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया. वहीं, 21 जून से हेल्थ टीम ने आठ लाख तक रोज डोज लगाने शुरू किए. ऐसे में जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य 24 दिन में हासिल कर लिया गया. जुलाई में हर रोज 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य तय किया गया. मगर, केंद्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में डोज नहीं मिली.
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ऐसे में हर रोज 10 लाख वैक्सीन नहीं लग पाईं. वहीं 3 अगस्त को मेगा कैम्प लगाए गए. शहर से लेकर गांव तक ऑन द स्पॉट पंजीकरण कर टीकाकरण किया गया. इस दौरान 29 लाख 50 से अधिक को टीका लगाए गए. वहीं, 16 अगस्त को 23 लाख 67 हजार से अधिक को टीका लगाया गया. 27 अगस्त को 'बिग वैक्सीनेशन डे' मनाया गया. इसमें 11 हजार से ज्यादा केंद्र बनाए गए. इसमें 30 लाख 686 डोज लगाने के रिकॉर्ड बना. अगस्त में दो करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा किया गया था. इसके बाद 6 सितम्बर को 33 लाख 42 हजार 360 को डोज लगी. सितंबर माह में 3 करोड़ वैक्सीन लगाने का लक्ष्य था. मगर, इस दौरान एक करोड़ 55 लाख ही डोज लग सकीं.