लखनऊ: रेप पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार करने गई पुलिस द्वारा नियमों का उल्लंघन करने और पुलिस पर हमला करने का फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के आरोपों को लेकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने गोमतीनगर थाने से 24 मई को रिपोर्ट तलब की है. इस संबंध में पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने अर्जी दायर की थी.
अदालत को अमिताभ ठाकुर ने बताया है कि 27 अगस्त को करीब 02.30 बजे पुलिस उन्हें उनके गोमतीनगर स्थित आवास से पूछताछ के नाम पर गैर-कानूनी ढंग से उठाकर हजरतगंज थाने ले गई और कानून के सभी प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया गया. यह भी कहा गया कि 27 अगस्त की रात थाना गोमतीनगर के एक दारोगा ने पूरी तरह गलत तथ्यों पर वादी पर अपनी पत्नी के साथ मिलकर पुलिस बल पर हमला करने की रिपोर्ट दर्ज कराई.
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दायर अर्जी में कहा गया कि मौके पर रिकॉर्ड की गई तमाम वीडियो रिकॉर्डिंग से साफ है कि काफी पुलिस बल ने वादी के घर आकर पूछताछ के नाम पर उनको गैरकानूनी ढंग से उठाया था, जबकि वादी लगातार कानूनी ढंग से कार्यवाही की मांग कर रहा था.
महिला से अश्लील हरकत करने वाले को सजा
वहीं एक अन्य मामले में खेत में शौच के लिए गई महिला से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी को एसीजेएम भव्या तिवारी ने एक साल के कारावास और 2 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. बहस के दौरान अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार ने तर्क दिया कि वादी ने निगोहा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 30 मई 2010 को वादी की पत्नी शौच के लिए खेत गई थी. जब वह लौट रही थी तो गांव के जितेंद्र ने पीड़िता का हाथ पकड़कर अश्लीलता की. पीड़िता ने घर पहुंचकर घटना की जानकारी परिजनों को दी.
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