लखनऊ : पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी शिकंजा कसता नजर आ रहा है. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर जनपद न्यायाधीश की विशेष अदालत ने संज्ञान लिया है. कोर्ट ने मामले के विचारण के लिए गायत्री प्रजापति को 4 अक्टूबर को तलब भी कर लिया है. यह आदेश जनपद न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने पारित किया.
गायत्री प्रजापति को 8 फरवरी 2021 को इस मामले में ज्यूडिशियल रिमांड पर लिया गया था. हालांकि वह इससे पहले से पॉक्सो व दुराचार के मामले में जेल में है. विजिलेंस ने 26 अक्टूबर 2020 को इस मामले में आय से अधिक सम्पत्ति का मामला गायत्री के खिलाफ दर्ज किया था. मामले की जांच 14 जनवरी 2021 को ईडी ने शुरू की. ईडी के विशेष अधिवक्ता कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में पता चला कि गायत्री ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की है. यह सम्पत्ति मोहनलालगंज, अमेठी, कानपुर व लोनावाला में है. इसके अतिरिक्त गायत्री प्रजापति के कई फर्म भी हैं, जिनमें करोड़ों रुपये निवेश किए गए हैं. गायत्री का बेटा अनिल प्रजापति इन कम्पनियों में बतौर निदेशक है.
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ईडी ने जांच के दौरान गायत्री प्रजापति की लगभग 37 करोड़ की सम्पत्ति जब्त कर आरोप पत्र प्रेषित किया था. उल्लेखनीय है कि गायत्री ने उक्त जब्त की गई सम्पत्ति के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में भी याचिका दाखिल की है. हालांकि उक्त याचिका पर हाईकोर्ट ने अभी तक कोई भी अंतरिम राहत नहीं दी है. लेकिन गायत्री के खिलाफ चल रही ईडी की प्रक्रिया को अपने अग्रिम अथवा अंतिम आदेशों के अधीन किया हुआ है.