लखनऊ: राजधानी की एक अदालत ने फर्जी वीजा और पासपेार्ट के आधार पर भारत में रह रहे बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन अंसारूल बांग्ला टीम के तीन सदस्यों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है. प्रत्येक अभियुक्त पर 19-19 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न अदा करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. यह आदेश विशेष अदालत (एससी-एसटी एक्ट) ने दिया.
सजा सुनाते हुए न्यायाधीश संजीव कुमार ने कहा कि विभिन्न धाराओं में सुनाई गई सजाएं एक साथ चलेंगी. कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 120B तथा विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत सजा सुनाई है. ये तीनों अभियुक्त मोहम्मद फिरदौस, इमरान और फरीदुद्दीन हैं. अभियोजन के मुताबिक वर्ष 2017 में एटीएस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में रहने वाले अवैध बांग्लादेशियों को लखनऊ जंक्शन से गिरफ्तार किया था. ये बांग्लादेशी सहारनपुर के देवबंद में निवास कर रहे थे और अमृतसर-हावडा एक्सप्रेस से फरार होने के प्रयास में थे. यह प्रकरण उत्तर प्रदेश एटीएस ने दर्ज करके विवेचना पूरी की. अपने निर्णय में अदालत ने कहा कि तीनों के खिलाफ देश में अवैध रूप से रहने के पर्याप्त साक्ष्य हैं.