लखनऊः अप्राकृतिक दुराचार के एक मामले में नाबालिग को दो वर्ष के लिए विशेष सुधार गृह भेजने के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने भी किशोर की दोष सिद्धि की पुष्टि करते हुए, उसे दो साल के लिए विशेष सुधार गृह भेजने का आदेश दिया है.
सरकारी वकील सुखेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि वादी ने जानकीपुरम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 2 मई 2014 को वादी का पांच वर्षीय पुत्र 7 सात बजे किशोर अपचारी की दुकान पर नमकीन लेने गया था. जहां किशोर अपचारी ने वादी के पुत्र को टॉफी का लालच देकर उसके साथ अप्राकृतिक दुराचार किया. बताया गया कि किशोर/नाबालिग होने के चलते मामले की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में सुनवाई की गई.
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सुनवाई के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने किशोर को अप्राकृतिक दुराचार और पॉक्सो एक्ट में दोषी पाते हुए 28 फरवरी 2022 को दो वर्ष के लिए जौनपुर स्थित विशेष सुधार गृह में सुधार के लिए रखने का आदेश दिया था. किशोर की ओर से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के इसी आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी गई थी. पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश ने इस याचिका की सुनवाई के बाद किशोर को दोषी ठहराया और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश की पुष्टि करते हुए किशोर को सुधार गृह भेजने का आदेश दिया.