लखनऊ: अजीत सिंह एनकाउंटर मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी ने अभियुक्त गिरधारी विश्वकर्मा की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के संदर्भ में लिखित सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर पुलिस आयुक्त को पत्र जारी किया है. सीजेएम ने जिला जज के जरिए भेजे अपने पत्र में यह कहा है कि एनकाउंटर के मामलों में संबंधित पुलिस थाने में संबंदित पुलिस टीम के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए. साथ ही एनकाउंटर की सूचना मानवाधिकार आयोग को भी निर्धारित समय में देना चाहिए और जांच भी सुनिश्चित कराना चाहिए.
सीजेएम ने अपने पत्र में कहा कि ऐसी किसी भी कार्यवाही का लिखित विवरण अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया है, जो भी सूचना दी गई है, वह अभियुक्त गिरधारी के वकील की मांगी गई अर्जी पर रिपोर्ट के रुप में दी गई है. लिहाजा इन सभी तथ्यों का संज्ञान लेते हुए एनकाउंटर के मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराएं. साथ ही कृत कार्रवाई से तीन दिन में अदालत को भी अवगत कराए.
बीते सोमवार को वकील आदेश सिंह और प्रांशु अग्रवाल ने अर्जी देकर अभियुक्त गिरधारी की एनकाउंटर को हत्या करार दिया था. इस अर्जी में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनकाउंटर के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का मसला उठाया गया था. साथ ही उसकी पोस्टमार्टम की कार्यवाही सीसीटीवी कैमरे और मेडिकल बोर्ड के जरिए कराने की मांग भी की गई थी.
पुलिस की पिस्टल छीनकर भाग रहा था गिरधारी
लखनऊ पुलिस ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख और हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह हत्याकांड में तीन दिन की रिमांड पर चल रहे आरोपी गिरधारी को सोमवार तड़के एनकाउंटर में मार गिराया. वह असलहा छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था, जिसके चलते पुलिस को उस पर गोली चलानी पड़ी. 6 जनवरी को विभूतिखंड में ही अजीत सिंह की हत्या हुई थी। 11 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने गिरधारी को गिरफ्तार किया था.